नई दिल्ली: पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने ‘भारत-लाओस: अंतर-सांस्कृतिक संबंध’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र,
नई दिल्ली द्वारा श्री भारतवर्षीय दिगंबर जैन तीर्थ सरंक्षिणी महासभा, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित किया गया है।
उद्घाटन भाषण में डॉ. शर्मा ने कहा कि भारत और लाओस सदियों से एक सांस्कृतिक विरासत साझा करते रहे हैं। लाओस बेहद शांतिपूर्ण देश रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के विस्तार में व्यापार का सबसे अहम योगदान रहा है। व्यापारिक समुदाय, जो कि ज्यादातर जैन थे, ने जैन धर्म प्रचलन में लाया और तीर्थंकरों को पूजा। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की भव्य सफलता की कामना की। साथ ही उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन में विचार-विमर्श से लाओस और भारतीय संस्कृति के संबंधों पर नए सिरे से विचार किए जाएगा।
भारत और विदेश से कई प्रसिद्ध विद्वान इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। यह भारत और लाओस के सांस्कृतिक संबंधों से जुड़े निम्नलिखित पहलुओं को कवर करने के लिए आयोजित किया गया है –
– ऐतिहासिक संबंध; सांस्कृतिक संबंध; हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के विशेष संदर्भ में धार्मिक संबंध; लाओस के संदर्भ में जैन धर्म का सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव; साहित्य और पुरालेख संबंध; और संपर्क स्थापित करने वाली कला, पुरातत्व, त्योहार और कपड़ा।