नई दिल्ली: विश्व पर्यटन दिवस 2016 के अवसर पर आज यहां पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. महेश शर्मा ने दिल्ली के स्मारकों, ऐतिहासिक स्थानों और धरोहर स्थलों का दौरा करने के लिए विकलांग बच्चों के वास्ते दर्शनीय स्थल पर्यटन संबंधी एक बस को झंडी दिखाकर रवाना किया। इसका आयोजन पर्यटन मंत्रालय ने किया है। नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित दीनदयाल उपाध्याय दिव्यांग बाल विद्यालय के दूसरी और छठवीं कक्षा के 35 दिव्यांग छात्रों ने इस दर्शनीय स्थल पर्यटन में हिस्सा लिया तथा दिल्ली के कई स्मारकों, ऐतिहासिक स्थानों और धरोहर स्थलों को देखा।
इस अवसर पर डॉ. महेश शर्मा ने कहा पर्यटन तक सबकी पहुंच वास्तव में ऐसे वातावरण का सृजन है जिसके तहत हम सबकी आवश्यकताएं पूरी की जा सकती हैं चाहे हम यात्रा में हों या अपने घर में मौजूद हों। अक्षमता दिव्यांगता के कारण, छोटे बच्चों के परिवार या बुजुर्ग आबादी के लिए यानी हमारे जीवन में कभी न कभी ये स्थिति आती है और पर्यटन तक सबकी पहुंच से हम सबको फायदा होता है।
पर्यटन सचिव श्री विनोद जुत्शी ने कहा विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर इस साल हमें ये मौका मिला है कि हम सार्वभौम सुगमता के वृहद लाभों के महत्व को हर तरफ पहुंचा सकें और पूरे समाज को इस तरफ आकर्षित कर सकें।
पर्यटन मंत्रालय के क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर भारत) श्री अरुण श्रीवास्तव ने सबको विश्व पर्यटन दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस अनोखी पहल से दिव्यांग छात्रों को यह अवसर मिलेगा कि वे दिल्ली के महत्वपूर्ण स्मारकों, ऐतिहासिक स्थानों और धरोहर स्थलों की झलक प्राप्त कर सकें। इस प्रयास से पर्यटन उद्योग से संलग्न सभी लोगों में जागरुकता पैदा होगी और वे बाधाओं को हटा कर पर्यटन तक सबकी पहुंच बनाने में सफल होंगे।
अपनी स्थापना के समय से ही विश्व पर्यटन दिवस हर साल 27 सितंबर को मनाया जाता है। इसके द्वारा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पर्यटन के महत्व और उसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक पक्षों की जानकारी प्राप्त होती है। संयुक्त राष्ट संघ के कलेंडर में भी आधिकारिक रूप से इसे शामिल किया गया है। इस आयोजन से पर्यटन की क्षमताओं को रेखांकित करने का अवसर मिलता है और सतत विकास बच्चों को प्राप्त करने में इसकी योजना के बारे में पता चलता है। इसकी सहायता से आज की गहरी सामाजिक चुनौतियों को हल करने में भी मदद मिलती है।