नई दिल्ली: केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डा. महेश शर्मा आज नई दिल्ली में ‘‘भारत तथा विश्वः नौ कहानियों में इतिहास’’ विषय पर आधारित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। ब्रिटिश म्यूजियम लंदन, राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली तथा छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय (सीएसएमवीएस) मुम्बई के सहयोग से संस्कृति मंत्रालय ने इस प्रदर्शनी का आयोजन किया है। प्रदर्शनी का उद्घाटन 5 बजे सायं राष्ट्रीय संग्रहालय ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में किया जाएगा।
इस प्रदर्शनी में अत्यंत प्रचीन काल से भारतीय संस्कृति के विकास तथा बाहरी दुनिया से इसके संपर्क को विभिन्न प्राचीन कलाकृतियों के माध्यम से दर्शाया जाएगा। ‘‘भारत तथा विश्वः नौ कहानियों में इतिहास’’ विषय के अंतर्गत 20 लाख वर्षों के इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी। भारतीय स्वतंत्रता के 70 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर तथा भारत और यूके के मध्य बृहत सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अंतर्गत इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।
इस प्रदर्शनी में ब्रिटिश म्यूजियम, लंदन तथा भारत के 20 संग्रहालयों तथा व्यक्तिगत संग्रह की 200 वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी। प्रदर्शनी में योगदान देने वालों में प्रमुख हैं- ब्रिटिश म्यूजियम, छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय, एएसआई, औरंगाबाद मंडल, एएसआई कोलकाता मंडल, केंद्रीय पुरातत्व संग्रह, पुराना किला नई दिल्ली, मुमताज महल संग्रहालय, लाल किला नई दिल्ली, कुतुबमीनार नई दिल्ली, क्राफ्ट म्यूजियम नई दिल्ली, इंडियन म्यूजियम, कोलकाता, विक्टोरिया मेमोरियल हॉल, कोलकाता, बिहार संग्रहालय, पटना, संग्रहालय और पुरातत्व विभाग, तेलंगाना सरकार, पुरातत्व और संग्रहालय निदेशालय, हरियाणा सरकार, गवर्मेंट म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी चंडीगढ़, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली, आल्काजी फाउंडेशन फॉर द आर्ट्स, नई दिल्ली, वेसेलिका ऑफ बोम जीसस, गोवा, मणि भवन गांधी संग्रहालय, मुंबई, नमन पी अहूजा, नई दिल्ली, शर्मा सेंटर फॉर हेरिटेज एजुकेशन, चेन्नई, ईसाई कला संग्रहालय, गोवा, राक्स मीडिया कलेक्टिव, नई दिल्ली, पुरातत्व और मानव विज्ञान संग्रहालय, कैम्ब्रिज।
इस प्रदर्शनी की परिकल्पना सीएसएमवीएस के महानिदेशक श्री सव्यसाची मुखर्जी ने की है। इस प्रदर्शनी के नौ खंड है और प्रत्येक खंड इतिहास के प्रमुख काल का प्रतिनिधित्व करता है। साझा शुरुआत (1,700,000 साल पहले 2000 ईसा पूर्व), प्रथम नगर (3000-1000 ईसा पूर्व), साम्राज्य (600 ईसा पूर्व – 200 ई.), राज्य और धार्मिक विश्वास (100-750 ई.), दिव्य शक्तियों को चित्रित करना (200-1500 ई.), हिंद महासागर व्यापारी (200-1650 ई.), दरबारी संस्कृतियां (1500-1800 ई.), स्वतंत्रता की इच्छा (1800 ई. से अब तक), और आधुनिक काल।
सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर आधुनिक काल तक की कलाकृतियों प्रदर्शित की जाएंगी। इनमें मूर्तियां, टेराकोटा, सिक्के, उपकरण, शिलालेख, पांडुलिपि, आभूषण, मुगल लघुचित्र और समकालीन चित्रें शामिल हैं। कुल मिलाकर भारतीय उपमहाद्वीप की 104 तथा ब्रिटिश म्यूजियम की 124 कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी।
आयोजन के दौरान पत्थर के उपकरण, हड़प्पा मुहर और मनका बनाना, मुद्रा डिजाइन करना, स्क्रॉल पेंटिंग, मिट्टी से कलाकृतियां बनाना, फोटोग्राफी और मूर्तिकला बनाने जैसी शैक्षिक गतिविधियां भी आयोजित की जाएगी। आयोजन के वेबसाइट (https://www.indiaandtheworld.org) पर ऑनलाइन साप्ताहिक प्रश्नोत्तरी, खजाने की खोज जैसे दिलचस्प कार्यक्रम भी उपलब्ध होंगे।
इस प्रदर्शनी का मुंबई से राष्ट्रीय राजधानी में आगमन हो रहा है। इसे संस्कृति मंत्रालय, टाटा ट्रस्ट, गेटी फाउंडेशन तथा न्यूटन भाभा कोष से सहयोग मिला है। यह दो महीने तक जारी (30 जून तक) रहेगा और सोमवार और सार्वजनिक छुट्टियों को छोड़कर, सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक आगंतुकों के लिए खुला रहेगा।