केंद्रीय स्वास्थ्य एवम् परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ‘स्टॉप टीबी पार्टनरशिप’ की 35वीं बोर्ड बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज अपना उद्बोधन दिया।
शुरुआत में डॉ. मांडविया ने कोविड-19 और टीबी से जान गंवाने वालों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और सभी स्वास्थ्य कर्मियों व समुदाय के सदस्यों को टीबी से संक्रमित लोगों की मदद करने के लिए धन्यवाद दिया।
भारी मरीजों वाले देशों में कोविड-19 महामारी के टीबी कार्यक्रमों पर पड़े प्रभाव को दिखाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में इस संकट को मौके में बदलने के लिए कई योजनाएं चलाई गईं, जैसे- टीबी और कोविड की एकसाथ जांच, घर-घर जाकर टीबी की पहचान का कार्यक्रम, प्रखंड स्तर पर रैपिड मोलेक्यूलर डॉयग्नोस्टिक किटों में बढ़ोत्तरी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल, जन आंदोलन और सबसे अहम समग्र प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के हिस्से के तौर पर टीबी सेवाओं को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवम् कल्याण केंद्र तक टीबी सेवाओं का विकेंद्रीकरण।
उन्होंने यह भी बताया कि ‘टीबी के मरीजों को गोद लें’ नाम से एक नई योजना भी इस साल शुरू की जाएगी, जो सामूहिकता के भारतीय मूल्यों पर आधारित है, इसके तहत कॉरपोरेट, उद्योग, संगठन, राजनीतिक दल और व्यक्तिगत तौर पर लोग आगे आकर टीबी संक्रमित लोगों और उनके परिवारों को गोद लेंगे और उन्हें पोषण व सामाजिक सहायता उपलब्ध करवाएंगे। “माननीय सांसदों, माननीय विधायकों, शहरी नगर निकायों के सदस्यों और जमीनी स्तर पर पंचायत प्रतिनिधियों को भी हम टीबी पर जागरुकता फैलाने के लिए सक्रिय करने की कोशिश कर रहे हैं।
टीबी निरोधक गतिविधियों को मजबूत करने पर जोर देते हुए डॉ. मांडविया ने घोषणा करते हुए कहा, “इस साल बाद में हम एक नई ‘मेड इन इंडिया’ टीबी संक्रमण त्वाच जांच किट को लाएंगे, जिसे सी-टीबी के नाम से जाना जाएगा। इसे हाल में अनुमति दी जा चुकी है।” मंत्री ने कहा कि यह किफायत उपकरण दूसरे घनी आबादी वाले देशों के लिए भी बहुत फायदेमंद होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 2022 एक अहम साल है क्योंकि यूएनएचएलएम, 2018 में किए गए कई वायदों के लिए यह लक्षित साल है। उन्होंने इस बोर्ड बैठक में आने वाले टीबी यूएनएचएलएम, 2023 के लिए महत्वकांक्षी और बड़े लक्ष्यों पर चर्चा के लिए जोर दिया।
डॉ. मांडविया ने इंडोनेशिया के माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री बुडी गुनाडि सादीकिन को भी इंडोनेशिया की अध्यक्षता के दौरान जी-20 कार्यक्रम में टीबी को प्रथामिकता देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी बताया कि जी20, 2023 की अध्यक्षता करते हुए भारत दो स्वास्थ्य मुद्दों- टीबी और सर्विकल कैंसर पर ध्यान केंद्रित करेगा।
डॉ. मांडविया ने टीबी को खत्म करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया और सब लोगों से सभी स्तरों पर सहयोग और साझेदारी करने की अपील की, ताकि “एंड टीबी” के लक्ष्यों को पाया जा सके।
बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री ओबिएफुना ऑस्टिन, स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की कार्यकारी निदेशिका सुश्री लुसिका डिटिऊ, ‘द ग्लोबल फंड्स टू फाइट एड्स, टीबी एंड मलेरिया’ के कार्यकारी निदेशक श्री पीटर सैंड्स, ग्लोबल ट्यूबरक्यूलोसिस (टीबी) प्रोग्राम, डब्ल्यूएचओ की निदेशिका डॉ टेरेसा कासेवा और संगठन के दूसरे वरिष्ठ अधिकारी व विकास साझेदार ऑनलाइन ढंग से बैठक में शामिल हुए।