आइए हम सहयोगात्मक और विविध हितधारक प्रयासों के माध्यम से सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करें कि देश में कोई भी पात्र नागरिक कोविड-19 वैक्सीन के ‘सुरक्षा कवच’ से वंचित न रहे। आइए हम देश के हर कोने और हर घर में पहुंचें और लोगों को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के लिए प्रेरित करें। ऐसा केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बातचीत करते हुए कहा। इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार भी मौजूद थीं। इस बैठक में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए जन स्वास्थ्य उपायों की भी समीक्षा की गई।
राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों की स्वास्थ्य मंत्री सुश्री वीना जॉर्ज (केरल), डॉ. धन सिंह रावत (उत्तराखंड), श्री बन्ना गुप्ता (झारखंड), डॉ. लालथंगलियाना (मिजोरम), श्री मंगल पांडे (बिहार), डॉ. के. सुधाकर (कर्नाटक), श्री राजेश टोपे (महाराष्ट्र), डॉ. प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश), श्री जय प्रताप सिंह (उत्तर प्रदेश), श्री एम. ए. सुब्रमण्यन (तमिलनाडु), श्री विश्वजीत राणे (गोवा), श्री रुशिकेश गणेशभाई पटेल (गुजरात), श्री केशव महंत (असम), श्री सत्येंद्र जैन (दिल्ली) इस बैठक में उपस्थित थे। सभी राज्यों के प्रधान सचिव/अपर मुख्य सचिव/मिशन निदेशक (एनएचएम) भी मौजूद थे।
श्री मंडाविया ने कहा कि वर्तमान में 79 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक दी गई है और 38 प्रतिशत पात्र आबादी को दूसरी खुराक भी मिली गई है। यह देखते हुए कि 12 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जानी है। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि चल रहे ‘हर घर दस्तक’ अभियान के दौरान समस्त वयस्क आबादी को पहली खुराक के लिए और जिनकी दूसरी खुराक बाकी है उन्हें दूसरी खुराक लेने के लिए प्रेरित किया जाए।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने गांवों में अग्रिम रूप से ‘प्रचार टोली’ तैनात करने सहित ‘हर घर दस्तक’ अभियान को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री की रणनीतियों को दोहराया, जिनसे जागरूकता अभियानों के साथ-साथ पात्र आबादी को टीके के लिए जुटाना और उन्हें परामर्श देना सुनिश्चित होगा। इसके बाद टीकाकरण टोली यह सुनिश्चित करेगी कि पात्र नागरिकों को पहली और दूसरी खुराक का टीका लगाया जाए। समयबद्ध तरीके से लक्षित क्षेत्र में शत-प्रतिशत टीकाकरण कवरेज सुनिश्चित करने के लिए बहु टीकाकरण टीमों (50-100) की रणनीति; टीकाकरण टीमों (जिला और ब्लॉक) की पहचान करने और उन्हें सहायता प्रदान करने और रैंकिंग कोविड-19 टीकाकरण की प्रगति को प्रेरित करने के लिए प्रत्येक 24 घंटे में अधिक-से-अधिक खुराकों का प्रबंधन करती हैं, जागरूकता पैदा करने और टीकाकरण सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय साप्ताहिक बाजारों और हाटों का उपयोग करना; स्थानीय धार्मिक और सामुदायिक नेताओं के साथ सहयोग करना; गांव/शहरी क्षेत्रों में टीकाकरण न कराने वालों को प्रेरित करने के लिए सीएसओ, एनजीओ, एनएसएस, एनवाईके आदि को शामिल करना; टीकाकरण विरोधी अफवाहों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए मल्टीमीडिया आईईसी का जागरूकता अभियान; और इसी प्रकार की रणनीतियों को अपनाने के लिए राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों में अधिक कवरेज वाले जिलों द्वारा अपनाई गई नई पहलों और प्रक्रियाओं का अनुसरण करने पर भी जोर दिया गया। यह देखते हुए कि बच्चे व्यवहार परिवर्तन के लिए सबसे अच्छे दूत हो सकते हैं, उन्होंने राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से यह आग्रह किया कि बच्चों को पूर्ण टीकाकरण के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए इस अभियान में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चे अपने माता-पिता और अन्य परिवारजनों को टीके की दोनों खुराक लेने के लिए प्रेरित करेंगे।
डॉ. मंडाविया ने सुझाव दिया कि आइए हम बस स्टेशनों, रेलवे स्टेशनों, विशेष रूप से बड़े महानगरों में, कोविड टीकाकरण केन्द्र शुरू करें, क्योंकि ये स्थान बड़ी संख्या में प्रवेश करने वालों के लिए प्राथमिक बिंदु हैं। कुछ राज्यों ने ‘रोको और टोको’ अभियान शुरू किया है, जहां बसों, ट्रेनों, रिक्शा आदि से उतरने वाले यात्रियों को वैक्सीन की खुराक लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि ‘हर घर दस्तक’ अभियान का प्रत्येक दिन लाभार्थियों के विभिन्न समूहों को जुटाने और उनका टीकाकरण के लिए समर्पित किया जा सकता है। “एक दिन व्यापारियों, हॉकरों, विक्रेताओं, दुकानदारों आदि के लिए समर्पित किया जा सकता है। अन्य दिनों में हम रिक्शा चालकों और ऑटो चालकों को भी प्रेरित कर सकते हैं और एक दिन मजदूरों और किसानों को समर्पित किया जा सकता है।”
चल रहे कोविड नियंत्रण एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन उपायों की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को सावधान किया कि कोविड-19 अभी खत्म नहीं हुआ है। हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि कोविड अब खत्म हो गया है। वैश्विक स्तर पर कोविड के मामले बढ़ रहे हैं। 80 प्रतिशत से अधिक टीकाकरण होने के बावजूद सिंगापुर, ब्रिटेन, रूस और चीन में दोबारा मामले बढ़ रहे हैं। टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार (सीएबी) को साथ-साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां टीकाकरण रोग की गंभीरता को कम करता है, वहीं सीएबी का पालन यह सुनिश्चित करता है कि सामूहित रूप से देश ने जो लाभ अर्जित किया है वह बहुत महत्वपूर्ण है और उसे व्यर्थ नहीं जाने देना है। देश में कोविड-19 के मामलों में कोई उछाल नहीं है। कोविड के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में है। टीकाकरण के दो हथियारों और सीएबी से हमारी सबसे अधिक सुरक्षा होगी और हमें अपने रक्षक को कोविड के पूरी तरह से समाप्त होने से पहले निराश नहीं करना है। टीकाकरण को ‘सुरक्षा कवच’ बताते हुए डॉ. मंडाविया ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘दवाई भी कड़ाई भी’’ आह्वान को दोहराया।
राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने कोविड वैक्सीन, दवाइयों, वित्तीय और तकनीकी संसाधनों की आपूर्ति के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विशेष रूप से कम प्रदर्शन करने वाले जिलों में अधिक-से-अधिक टीकाकरण करने के लिए उठाए जा रहे नवाचारी कदमों को भी साझा किया। मंडाविया ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को उनके भारी समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और उनसे आग्रह किया कि अन्य सर्वोत्तम प्रथाओं का भी अनुकरण किया जाए। उन्होंने सभी राज्यों के स्वास्थ्य अधिकारियों से ‘‘हर घर दस्तक’’ अभियान के तहत हर घर तक पहुंचने के लिए कहा।
श्री राजेश भूषण, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव, डॉ. बलराम भार्गव, डीजी-आईसीएमआर, डॉ. सुनील कुमार, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक, डॉ. मनोहर अगनानी, अपर सचिव (स्वास्थ्य), श्री विकास शील, अपर सचिव और मिशन निदेशक-एनएचएम, श्रीमती आरती आहूजा, अपर सचिव (स्वास्थ्य), श्री लव अग्रवाल, संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य) और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे।