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डॉ. मनसुख मांडविया ने संगरूर स्थित पीजीआईएमईआर सहायक केंद्र का दौरा किया और इसकी प्रगति की समीक्षा की

देश-विदेश

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज संगरूर में स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) के सहायक केंद्र का दौरा किया और इसकी प्रगति की समीक्षा की।

स्वास्थ्य मंत्री महोदय ने परियोजना के निष्पादन की गति पर संतोष व्यक्त किया। डॉ. मांडविया ने कहा, “चिकित्सा उपकरणों और सामग्री की खरीद सहित कार्य जिस गति से निष्पादित किए जा रहे हैं, यह सहायक केंद्र जनवरी, 2023 तक पूरी तरह से काम करने लगेगा और न केवल स्थानीय आबादी के लिए बल्कि दूरदराज के लोगों को भी एक बड़ी राहत प्रदान करेगा।”

आज़ादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 जुलाई को 75 दिनों के लिए शुरू किए गए ‘निःशुल्क एहतियाती टीकाकरण अभियान’ की सफलता के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी प्रदान की। डॉ. मांडविया ने कहा, “इस योजना के अंतर्गत अब तक एक महीने और तीन दिनों की पहल में पहले ही 13 करोड़ से अधिक लोगों ने इस सुविधा का लाभ प्राप्त किया है।” स्वास्थ्य मंत्री महोदय ने पंजाब के लोगों और आम तौर पर देश के लोगों, विशेष रूप से कमजोर तबके की आबादी से आग्रह किया कि वे 75 दिनों के विशेष अभियान के शेष समय में टीका लगवाएं और खुद को कोविड संकट का सामना करने के लिए तैयार करें।”

स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड संकट से निपटने में स्वास्थ्यकर्मियों की सराहनीय भूमिका की प्रशंसा की। डॉ. मांडविया ने कहा, “हमारे देश की दुनिया भर में दो चीजों; कोविड दिशा-निर्देशों का पालन करने और 200 करोड़ से अधिक कोविड टीके लगाने के लक्ष्य को पार करके टीकाकरण अभियान द्वारा कोविड प्रबंधन के लिए सराहना की गई है।”

‘सबके लिए किफायती स्वास्थ्य’ की आवश्यकता का समर्थन करते हुए, स्वास्थ्य मंत्री ने जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस पहल के अंतर्गत देश भर में 8500 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं, और देश में प्रतिदिन 20 लाख से अधिक लोग इन केंद्रों से दवाएं खरीदने के लिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद के साथ जुड़कर जागरूकता अभियान और लोगों को जागरूक करने के लिए एक ऐप ‘जन औषधि सुगम’ का शुभारंभ भी किया है, इससे लोग जेनेरिक और ब्रांडेड दवाओं के सॉल्ट के बारे में विचार-विमर्श करके उचित दवा खरीदने में सक्षम होते हैं। मंत्री महोदय ने यह भी जानकारी दी कि ‘ संगरूर स्थित सहायक केंद्र में एक जन औषधि केंद्र भी खोला जाएगा।’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रो. विवेक लाल, श्री कुमार गौरव धवन (आईआरएस), डीडीए, प्रो. विपिन कौशल, एमएस, श्री कुमार अभय, एफए, प्रो. अशोक कुमार, अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक, पीजीआईएमईआर और नोडल अधिकारी, सहायक केंद्र, संगरूर सहित वरिष्ठ संकाय सदस्य व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हुए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई जिसमें गणमान्य व्यक्ति को अवगत कराया गया कि पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में भीड़भाड़ को कम करने और रोगियों के यात्रा समय को कम करने के उद्देश्य से 300 बिस्तरों के अस्पताल वाले सहायक केंद्र की परिकल्पना की गई थी।

प्रो. विवेक लाल ने बताया कि 25 एकड़ भूमि में फैले इस सहायक केंद्र की परियोजना लागत रु. 449.00 करोड़ रुपये है। अस्थायी बाह्य रोगी विभाग, अतिथि गृह और चार दीवारी के निर्माण के साथ पहले चरण के कार्य को पहले ही संपन्न किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि कार्य निष्पादन के दूसरे चरण को तेजी से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सहायक केंद्र के अगले वर्ष के आरंभ में पूरी तरह से काम करने की आशा व्यक्त की है।

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