आयुर्वेद को भारत सहित नेपाल ,भूटान एवं अन्य देशों में बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुझे दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयुर्वेद के प्रतिष्ठित *धन्वंतरि पुरुष्कार* से सम्मानित किया जाएगा।उक्त पुरुष्कार दिल्ली में चल रहे *ओज फेस्टिवल* में दिया जाएगा। यह पुरुष्कार मुझे आयुर्वेद में डिजिटल और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर इसे पूरी दुनिया तक पहुंचाने के उद्देश्य से दिया जा रहा है।
*समर्पण की भावना से कार्य कर रहे डॉ नवीन जोशी*
लगभग 20 वर्षों से आयुर्वेद की चिकित्सा के क्षेत्र में लोगो को सेवाएं दे रहे डॉ नवीन जोशी को आज इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में चल रहे ओज फेस्टिवल 2019 में आयुर्वेद के प्रतिष्ठित पुरुष्कार *धन्वंतरि पुरुष्कार* से सम्मानित किया जाएगा। डॉ जोशी वर्ष 2005 से ही लोगो को उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करते आ रहे हैं। डॉ नवीन जोशी ने वर्ष 2010 में सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के आसपास कुमाऊं क्षेत्र में मौजूद दुर्लभ जड़ी बूटियों की पहचान कर इसके संरक्षण के प्रति लोगो को जागरूक किया। उन्होंने लगभग 200 से अधिक औषधीय पौधों की लाइव डॉक्यूमेंट्रीज यूट्यूब पर अपलोड की जिसे पूरी दुनिया मे हजारो लोगो ने सब्सक्राइब किया।वर्ष 2010 से स्वयं के संसाधनों से आयुष दर्पण पत्रिका को वर्ष 2014 तक लगातार प्रकाशित किया, और वर्ष 2014 के बाद इसे हेल्थ पोर्टल के रूप में बदल दिया। डॉ जोशी स्वयम के संसाधनों से देर रात तक अतरिक्त समय मे नियमित रूप से अपने पोर्टल को खुद ही अपडेट करते है। डॉ जोशी के सैकड़ों लेख प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे है। देहरादून ,ऋषिकेष में आयुर्वेद की पंचकर्म तथा क्षार सूत्र एवं हैदराबाद,कोलकाता, सिक्किम
नेपाल एवं भूटान में उन्होंने कई राष्ट्रीय एवं आतर्राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार आयोजित किये हैं जिसमे आयुर्वेद के मूर्धन्य विद्वानों सहित विदेशी प्रतिभागियों ने भी शिरकत की है। ऋषिकेष में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम में उन्होंने जापान सरकार के वित्तीय सलाहकार ज्योर्ज हारा को टेक्नोनोलॉजी का इस्तेमाल कर भारत के प्रतिभागियों से डिजिटली रूबरू कराया था, जिस कार्यक्रम में तत्कालीन गुजरात आयुर्वेद विश्विद्यालय के कुलपति एवं वर्तमान में आयुष सचिव भारत सरकार पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा भी मौजूद थे। डॉ जोशी को धनवंतरी पुरष्कार मिलने पर आयुर्वेद जगत के चिकित्सकों ने ख़ुशी व्यक्त की है।