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डा0 नवनीत सहगल ने 01 से 15 मार्च तक विशेष अभियान चलाकर लम्बित ऋण आवेदनों के निस्तारण के दिये निर्देश

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत बैंकों में अभी भी 10350.58 लाख रुपये के ऋण वितरण का कार्य लम्बित है। ऋण डिस्बर्स न होने से जहां मार्जिनमनी वितरण में विलम्ब हो रहा है, वहीं 9859 प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने इस पर गहरी अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रदेश के बैंको से अपेक्षा की है कि वे आगामी 01 से 15 मार्च तक विशेष अभियान चलाकर लम्बित ऋण आवेदनों का निस्तारण करायें और मार्जिनमनी का भी समय से क्लेम सुनिश्चित करें।
डा0 सहगल आज यहां खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के सभागार में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य स्तरीय मानीटरिंग कमेटी के बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने रोजगार सृजन के कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए पीएमईजीपी के तहत लाभार्थियों को ऋण देने को प्राथमिकता दी है। लेकिन बैंक इसके प्रति पूरी रूचि नहीं ले रहे, जिसकी वहज से इतनी बड़ी धनराशि का वितरण लम्बित है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों का व्यक्तिगत रूचि लेकर बैंको से ऋण वितरण की कार्यवाही में तेजी लाने के सख्त निर्देश भी दिए।
प्रमुख सचिव ने बैकरों से कहा कि जिन बैंक शाखाओं में ज्यादा ऋण आवेदन-पत्र निरस्त किये गये हैं, उनकी रि-स्टडी कराई जाय और प्रार्थना-पत्रों पर दर्शाई गई आपत्तियों का निराकरण प्राथमिकता पर सुनिश्चित किया जाय। अगले वित्तीय वर्ष में आवेदन पत्रों में कमियां न होने पाये, इसके लिए पूरी सावधानी बरती जाय। साथ ही उन्होंने ब्रांच वाइज पीएमईजीपी की समीक्षा के भी निर्देश दिए। उन्होंने बैंकर्स से अपेक्षित सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि रोजगार सृजन कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने में बैंक अपनी अग्रणी भूमि का निर्वहन करें।
डा0 सहगल ने कहा कि पीएमईजीपी इकाइयों के अपग्रेडेशन हेतु सेकेण्ड लोन का प्राविधान है, लेकिन बैंको में बहुत कम संख्या में दोबारा लोन के लिए आवेदन किया गया है, जबकि जितने भी आवेदन बैकों को सेकेण्ड लोन हेतु भेजे गये है, उस पर बैंको द्वारा सकारात्मक कार्यवाही की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि सेकेण्ड लोन हेतु अधिक से अधिक आवेदन पत्र बैंकों को प्रेषित किये जाये तथा समयबद्ध रूप से लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित की जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि प्रत्येक माह डी0एल0टी0एफ0सी0 की बैठक आयोजित की जाय। बैठक में पोर्टल पर उपलब्ध आवेदन पत्रों का चयन कराने के साथ-साथ पूर्व में बैंकों को प्रेषित आवेदन पत्रों की विस्तृत समीक्षा की जाय।
बैठक में राज्य निदेशक, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, भारत सरकार श्री एस.के. मिश्रा सहित मण्डल स्तरीय उद्योग विभाग के अधिकारी तथा विभिन्न के बैकों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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