नई दिल्ली: केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ मिलकर 70वें ‘बर्लिन अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव’ में भाग लेगा। यह महोत्सव 20 फरवरी से 1 मार्च, 2020 तक जर्मनी के बर्लिन, शहर में आयोजित किया जाएगा। फिल्म महोत्सव में एक भारतीय मंडप भी होगा जो विदेशी बाजार में भारतीय सिनेमा को लोकप्रिय बनाने और उसके लिए व्यापार के नए अवसरों का पता लगाने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
इस वर्ष बर्लिन फिल्मोत्सव के लिए तीन भारतीय फीचर फिल्मों के साथ-साथ एक लघु वृत्तचित्र का चयन किया गया है। इसमें पुष्पेन्द्र सिंह की ‘लैला और सत्त गीत’, प्रतिमा वत्स की ‘ईब अले ऊ’, अक्षय इंडीकर की ‘स्थलपुराण’ और एकता मित्तल का लघु वृत्तचित्र ‘गुमनाम दिन’ शामिल हैं। बर्लिन में भारतीय मंडप का उद्घाटन विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर करेंगे।
भारत बर्लिनले 2020 के माध्यम से भाषाई, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विविधता वाली अपनी फिल्मों को बढ़ावा देना चाहता है। इसके साथ ही वह फिल्मों के वितरण और उत्पादन तथा देश में फिल्मांकन के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग को प्रोत्साहित करना चाहता है और विकास प्रौद्योगिकी को सृजित करना चाहता है।
फिल्मोत्सव में भाग लेने जा रहे भारतीय प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य विभिन्न वार्ताओं के माध्यम से अपने फिल्म सुविधा कार्यालय (एफएफओ) के जरिए भारत में फिल्मांकन की आसान बनाई गई प्रक्रिया को बढ़ावा देना है। एफएफओ फिल्म निर्माताओं के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस की सुविधा देता है और भारत में ‘सिनेमैटिक पर्यटन ’ के लिए मंच प्रदान करता है। प्रतिनिधिमंडल भारत को फिल्म निर्माण के बाद की गतिविधियों के केन्द्र के रूप में पेश करेगा और अंतर्राष्ट्रीय प्रोडक्शन हाउसों के साथ फिल्म निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देगा।
ऑडियो-विजुअल सर्विसेज सेक्टर को भारत सरकार द्वारा मीडिया और मनोरंजन के लिए एक प्रमुख गंतव्य स्रोत के रूप में बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिग्गज सेवा क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई है।
बर्लिनले जा रहा सरकारी प्रतिनिधिमंडल गोवा में 2020 में आयोजित होने वाले भारतीय फिल्म महोत्सव के 51वें संस्करण में अंतरराष्ट्रीय भागीदारी को सुविधाजनक बनाएगा। इस फिल्म महोत्सव का उद्देश्य दुनिया भर के फिल्म उद्योग को फिल्म निर्माण की कला में उत्कृष्टता का प्रदर्शन करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है।
प्रतिनिधिमंडल का इज़रायल, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, स्पेन, ब्राजील, पुर्तगाल, फ्रांस, इटली, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, अमेरिका और रवांडा के अधिकारियों के साथ बैठकें करने का कार्यक्रम है। यह प्रतिनिधिमंडल लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल, सनडांस फिल्म फेस्टिवल, वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, कान्स फिल्म फेस्टिवल, एडिनबर्ग इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और एनेक्सी इंटरनेशनल एनिमेशन फेस्टिवल के अधिकारियों के साथ भी बैठक करेगा।
फिल्म निर्माण के विभिन्न क्षेत्र में भारत अन्य देशों की अपेक्षा ज्यादा बेहतर स्थिति में है। देश में एक मजबूत फिल्म उद्योग है जिसमें किसी भी तरह की फिल्म बनाने के लिए विश्व स्तर के तकनीशियन और उपकरणों के साथ ही शूटिंग के लिए विभिन्न प्रकार के स्थान भी उपलब्ध हैं।
देश में निर्मित 1,800 से अधिक फीचर फिल्मों के साथ, 900 से अधिक टेलीविजन चैनल, 500 मिलियन इंटरनेट उपयोगकर्ता और 500 मिलियन स्मार्ट फोन उपयोगकर्ता, भारत के जीवंत मीडिया और मनोरंजन (एम एंड ई) उद्योग वैश्विक साझेदारी के लिए आकर्षक अवसर प्रदान करते हैं।