केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार);पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री,कार्मिक,लोक शिकायत एवं पेंशन,परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज बताया कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अनुबंध/ प्रतिनियुक्ति के आधार पर सरकार में शामिल करने के लिए यूपीएससी द्वारा उपयुक्त रूप से अनुशंसित 10 संयुक्त सचिवों सहित 38 उम्मीदवारों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री प्रक्रिया के तहत केंद्र सरकार में कुछ स्तरों पर नई प्रतिभाओं को लाने और जनशक्ति को बढ़ाने के दोहरे उद्देश्य हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस बात का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जाता है कि चयन प्रक्रिया को संस्थागत बनाने और इसे और अधिक उद्देश्यपूर्ण बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया कि संपूर्ण लेटरल एंट्री भर्ती प्रक्रिया यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने संघ लोक सेवा आयोग से 14.12.2020 और 12.02.2021 कोअनुबंध/प्रतिनियुक्ति के आधार पर संयुक्त सचिव/निदेशक/उप सचिव के स्तर पर सरकार के विभिन्न मंत्रालय/विभाग में शामिल करने के लिए उपयुक्त व्यक्तियों का चयन करने का अनुरोध किया था।
संघ लोक सेवा आयोग ने उम्मीदवारों के जमा किए गए ऑनलाइन आवेदन पत्र के आधार पर साक्षात्कार के लिए 231 उम्मीदवारों को चुना गया। साक्षात्कार 27 सितंबर से 8 अक्टूबर 2021 तक आयोजित किए गए और संयुक्त सचिव,निदेशक और उप सचिव के पद के लिए 31 उम्मीदवारों की सिफारिश की गई है। इससे पहले ही 7 संयुक्त सचिवों का चयन कर लिया गया था,इस प्रकार उपयुक्त उम्मीदवारों की कुल संख्या 38 हो गई।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि इन उम्मीदवारों की हाल ही में सिफारिश करते हुए इनके लिए नियुक्ति पूर्व औपचारिकताओं को भी पूरा कर लिया गया है जिसमें हुए पुलिस सत्यापन और आईबी की मंजूरी शामिल है। डॉ. सिंह ने कहा कि इस तरह की नियुक्तियां सरकार में नई प्रतिभाओं को लाने के साथ-साथ जनशक्ति की उपलब्धता को बढ़ाने के दोहरे उद्देश्यों को पूरा करती हैं।
भरा जा रहा प्रत्येक पद एक विशिष्ट डोमेन क्षेत्र में एकल पद है,और उम्मीदवारों को या तो अनुबंध के आधार पर या राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों,स्वायत्त निकायों,वैधानिक निकायों,विश्वविद्यालयों आदि से प्रतिनियुक्ति (अल्पकालिक अनुबंध सहित)के आधारपर नियुक्त किया जाना है,जो अपने मूल विभागों में बने रहेंगे।