देहरादून: हिमालयन इंस्टिट्यूट के संस्थापक डाॅ. स्वामीराम की महासमाधि की 19वीं वर्षगांठ के अवसर जौलीग्रांट में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्वामी राम को शत्-शत् नमन किया। मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के परिवार आश्रम के संस्थापक विनायक लोहानी को स्वामीराम मानवता पुरस्कार 2015 से सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने हिमालयन इंस्टिट्यूट व हिमालयन विश्वविद्यालय में कार्यरत कार्मिकों को भी पुरस्कार वितरित किये। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्वामी राम के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि यहीं होगी कि उनके द्वारा शुरू किये गये जनकल्याण के मिशन को दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचाने का काम करें। समाज के वंचित और निर्बल वर्ग के कल्याण के लिए सोचे, उनके लिए काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में अभी भी बहुत कुछ किया जाना है। उन्होंने हिमालयन इंस्टिट्यूट सहित अन्य संस्थाओं का आह्वान किया कि वे सरकार के साथ एक पार्टनर की भूमिका में आगे आये। स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के लिए एक-एक जिले में ऐसी संस्थाएं सहयोगी के रूप में सरकार के साथ काम करे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज भागीदार का समय है, सरकार और समाजसेवा से जुड़ी संस्थाओं को एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना होगा, तभी समाज में एक बदलाव आयेगा। उन्होंने कहा कि स्वामी राम ने जिस कल्पना के बल पर यह संस्थान खड़ा किया था, उसका मुख्य उद्देश्य चिकित्सा सेवा के माध्यम से मानव सेवा करना था। हिमालयन इंस्टिट्यूट द्वारा कैंसर संस्थान की स्थापना कर सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सरकार हल्द्वानी में भी कैंसर यूनिट की स्थापना कर रही है, जो अत्याधुनिक सुविधाओंयुक्त हो। स्वामीराम हिमालयन विश्वविद्यालय हमें प्रेरणा देने का काम करता है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने इससे पूर्व स्वामी राम सेंटर में पहुंचकर ब्रहा्रलीन डाॅ. स्वामीराम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
कार्यक्रम को नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि स्वामीराम भविष्यदृष्टा थे। उन्होंने मानव कल्याण के लिए जो कार्य किये है, उनके लिए उन्हें सदैव याद किया जाता रहेगा।
हिमालयन इंस्टिट्यूट संस्थान के अध्यक्षीय समिमि के सदस्य डाॅ. विजय धस्माना ने स्वामी राम से जुड़े संस्मरण व्यक्त किये। साथ ही हिमालयन इंस्टिट्यूट व हिमालयन विश्वविद्यालय के कार्यकलापों की जानकारी दी। श्री धस्माना ने बताया कि संस्थान द्वारा इस वर्ष 780 निर्धन व मेधावी छात्र-छात्राओं को लगभग 03 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की गई है।