नई दिल्ली: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. नसीम ज़ैदी ने आज आसियान देशों के साथ भारत के संबंध के महत्व पर प्रकाश डाला। मुख्य चुनाव आयुक्त आज एक परस्पर संवाद सत्र के दौरान 10 आसियान देशों (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) में से 9 से आए 179 छात्रों को संबोधित कर रहे थे। सत्र के दौरान डॉ. ज़ैदी ने भारतीय चुनावों की रोचक विशेषताओं जैसे सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार, भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के कार्य की व्यापकता और परिमाण, ईसीआई का अराजनैतिक चरित्र, आदर्श आचार संहिता का उपयोग, बाहरी दबाव से संवैधानिक ईसीआई को सुरक्षा और चुनावों में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग की जानकारी दी।
अपनी प्रस्तुति के दौरान उप-चुनाव आयुक्त श्री उमेश सिन्हा ने कहा कि भारत में चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व है। श्री सिन्हा ने भारतीय लोकतंत्र में युवाओं की शक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि युवा और छात्र भारत में निर्वाचन आयोग के प्रमुख भागीदार हैं। वे न केवल मतदाता हैं बल्कि शिक्षक और प्रेरक भी हैं। श्री सिन्हा ने जानकारी दी कि ईसीआई ने कैसे स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम, एम.एस. धोनी, एम.सी. मैरी कॉम जैसे राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर विख्यात गणमान्य व्यक्तियों की सेवाओं का उपयोग मतदाताओं को प्रेरित और शिक्षित करने के लिए किया।
प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान मतदाताओं की भागीदारी, मतदान कर्मियों की तैनाती, चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और नोटा पर जानकारी बढ़ाने पर प्रश्न पूछे गये। मुख्य चुनाव आयुक्त और उप-चुनाव आयुक्त ने भाग लेने वाले छात्रों की छात्रों की संतुष्टि के लिए इनकी विधिवत व्याख्या और इन्हें स्पष्ट भी किया।
इस सत्र में ईसीआई और सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।