नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ नसीम जैदी ने मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) स्तर पर संस्थागत मजबूती पर ध्यान केन्द्रित करते हुए मतदाता केन्द्रित ओरिएन्टेशन के साथ एक समावेशी, त्रुटिहीन मतदाता सूची की जरूरत पर जोर दिया। डॉ जैदी ने ऐसा निर्वाचन आयोग द्वारा आजोयित सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा। यह सम्मेलन आज संपन्न हुआ।
डॉ जैदी ने स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव के बहुत पुराने चुनावी मूल्यों पर मजबूत पकड़ रखते हुए चुनाव प्रबंधन के संबंध मे तंत्र को मजबूत बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने चुनाव प्रबंधन के संबंध में योगदान की जानकारी देने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे पूरी चुनावी प्रक्रिया के पारदर्शिता और जवाबदेही के पहलुओं में बढ़ोतरी होगी।
इस सम्मेलन का उद्देश्य वर्तमान चुनाव से संबंधित कार्यक्रमों के साथ-साथ नई पहलों का पता लगाना और चुनाव प्रबंधन मतदाताओं के अनुभव में सुधार लाने से संबंधित कार्य की समीक्षा करना था।
इस अवसर पर चुनाव आयुक्त श्री के जोती ने चुनावी प्रक्रिया सुचारू बनाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ-साथ जीआईएस प्रणाली के महत्व पर जोर दिया। उऩ्होंने मतदाता जागरूकता, व्यय निगरानी तंत्र और चुनाव प्रशासकों के लिए ध्यान दिये जाने के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के रूप में आईटी के उपयोग के बारे में बताया।
अपने उद्घाटन संबोधन में प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए उप चुनाव आयुक्त श्री विजय देव ने कहा कि उपस्थित सभी हितधारिको के लिए यह सम्मेलन एक अवसर है जिसमें ईवीएन,वीवीपीएटी,प्रशिक्षण, मतदाता सूची, एमआईएस, मतदाता जागरूकता और मीडिया उन्मुख मुद्दों सहित चुनाव प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के सुधार के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा।
इस सम्मेलन का उद्घाटन भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ नसीम जैदी और चुनाव आयुक्त श्री एके जोती ने किया था। आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस सम्मलेन में शामिल हुए और उन्होंने मतदाता जागरूकता सीईओ कार्यालयों की मजबूती, व्यय निगरानी, मतदाता सूची, ईबीएम और वीवीपीएटी के साथ-साथ पेड न्यूज और सामाजिक मीडिया सहित मीडिया से संबंधित मुद्दों के बारे में अपने प्रेजेन्टेशन दिये।