नई दिल्ली: तिरुपति के वेंकटेश्वर विश्व विद्यालय परिसर में 3 जनवरी से 7 जनवरी तक आयोजित 104 वें ‘प्राइड ऑफ इंडिया साइंस एक्सिपो -2017’ में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) हिस्सास ले रहा है। पांच दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम को 104 वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस -2017 (आईएससी -2017) के हिस्सेे के रूप में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था।
इस बड़े विज्ञान प्रदर्शनी में डीआरडीओ मंडप का उद्घाटन 3 जनवरी, 2017 को आंध्र प्रदेश के मुख्मं्त्री श्री चंद्र बाबू नायडू ने किया था। श्री नायडू ने इस दौरान डीआरडीओ द्वारा लगाए गए विभिन्नं स्टॉ लों का दौरा कर संगठन के विभिन्नि उत्पाादों एवं प्रौद्योगिकी में अपनी रुचि भी दिखाई।
इसी स्थ ल पर ‘फ्रंटरियर ऑफ डिफेंस रिसर्च’ नाम से एक समापन सत्र का भी आयोजन 04 जनवरी,2017 को किया गया। रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार और डीआरडीओ के महानिदेशक (एमएसएस) डॉ. सतीश रेड्डी इस सत्र के संयोजक थे। इस सत्र में डीआरडीओ के प्रमुख वैज्ञानिकों ने अपने विचार प्रस्तु।त किए। सत्र में विचार व्य क्तस करने वालों में मुख्यै नियंत्रक(मानव संसाधन एवं प्रौद्योगिकी प्रबंधन) श्री एम.डी. हफिजुर रहमान, महादिनेदशक (माइक्रो इलेक्ट्रॉ निक डिवाइस एंड कंप्यूसटेशनल सिस्टंम) डॉ. जी.अतिथन, महानिदेशक (जीव विज्ञान) डॉ. शशि बाला सिंह और डीआरडीएल ,हैदराबाद के डॉ. बी.एस. सुभाष चंद्रन शामिल थे।
इस प्रदर्शनी में डीआरडीओ की 40 प्रयोगशालाएं भाग ले रही हैं जो ‘मेक इन इंडिया’ की भावना को प्रदर्शित करतीं हुईं आत्मानिर्भरता और राष्ट्री य गौरव की कहानियों का वर्णन कर रही हैं। आउटडोर उत्पारदों की प्रदर्शनी में लंबी दूर तक जमीन से जमीन पर मार करने वाली अग्नि-5 ,आकाश शस्त्र प्रणाली, शौर्य मिसाइल ब्रह्मोस मिसाइल का मॉडल, दूर संवेदी प्रणाली से संचालित होनेवाला दक्ष रेाबोट मुख्यर आकर्षण हैं। इनडोर उत्पाादों की प्रदर्शनी में एईडब्यूवर एंड सी,एलसीए तेजस ,रुस्त्म, यू एवी, उन्नदत हल्केग वजन का तापिडो(टीएएल),मल्टीी मोड हैंडग्रेनेड,एनबीसी सूइट, एंटी माइन्सण बूट, माइक्रो वेव पावर मोड्यूल, , एस-बैंड एमएसएस टर्मिनल, इंटेग्रेटेड मल्टीु फंक्श न साइट(आईएमएफएस) प्रीएम्प,टर सिस्ट म ,उष्मसन तंत्र- बुखारी, अलोकल क्रीम, तैयार डिब्बामबंद भोजन,रस सहित अनेक जीव विज्ञान संबंधी उत्पा्द भी शामिल हैं। दर्शकों और छात्रों के बीच डीआरडीओ का मंडल आकर्षण का केद्र बना हुआ है।