रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रमुख प्रयोगशाला एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) चांदीपुर ने 06 और 07 अक्टूबर, 2021 को अखिल भारतीय राजभाषा, वैज्ञानिक और तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी का औपचारिक उद्घाटन संसद सदस्य और रक्षा पर स्थायी समिति के अध्यक्ष श्री जुएल ओराम द्वारा किया गया।
वैज्ञानिक और तकनीकी कार्यों सहित आधिकारिक गतिविधियों में हिंदी के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजभाषा पर इस संगोष्ठी की मेजबानी करने की जिम्मेदारी हर साल एक डीआरडीओ प्रयोगशाला को सौंपी जाती है। इस वर्ष इस संगोष्ठी का आयोजन आईटीआर द्वारा ‘रक्षा उत्पादों का परीक्षण और मूल्यांकन: आवश्यकता और उपलब्धियां’ विषय के साथ किया गया था। संगोष्ठी के दौरान भारतीय रक्षा परिदृश्य में मिसाइल प्रौद्योगिकी की भूमिका, राष्ट्र निर्माण में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका, हिंदी और हम, प्राकृतिक संसाधन, योग के साथ उपचार और मानव जाति पर कोविड-19 के प्रभाव जैसे अनेक प्रासंगिक विषयों को शामिल किया गया। उपरोक्त विषयों पर हिंदी में लेखों का योगदान विभिन्न प्रयोगशालाओं के डीआरडीओ कर्मचारियों द्वारा किया गया है।
श्री जुएल ओराम ने अपने संबोधन में आधिकारिक गतिविधियों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग को बढ़ावा देकर सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर जोर दिया। संगोष्ठी में देश भर की डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।