कोविड-19 मामलों में वृद्धि और ऑक्सीजन की बाद की आवश्यकता से निपटने के लिए, पीएम-केयर्स ने देश भर में 500 मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना के लिए धन आवंटित किया है। इन संयंत्रों को तीन माह के भीतर स्थापित करने की योजना है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) अपनी इकाइयों के माध्यम से दिल्ली और उसके आसपास मई के पहले सप्ताह के भीतर पांच मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित कर रहा है। इन्हें एम्स ट्रॉमा सेंटर, डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल), सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और एक संयंत्र एम्स झज्जर, हरियाणा में स्थापित किया जाना है। तय कार्यक्रम के अनुसार इनमें से दो संयंत्र दिनांक 4 मई, 2021 को दिल्ली पहुंचे और इन्हें क्रमशः एम्स और आरएमएल अस्पतालों में लगाया जा रहा है। इन्हें कोयंबटूर की मेसर्स ट्राइडेंट न्यूमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने सप्लाई किया है, जो डीआरडीओ का टेक्नोलॉजी पार्टनर है और इसे 48 प्लांट्स का ऑर्डर दिया गया है। मेसर्स टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड को 332 प्लांट्स का ऑर्डर दिया गया है और इनकी डिलीवरी मध्य मई से शुरू हो जाएगी। इन संयंत्रों को वक़्त रहते वितरित करने के लिए डिलीवरी शेड्यूल पर बहुत बारीकी से नजर रखी जा रही है। प्रत्येक अस्पताल में इनको स्थापित करने के लिए साथ-साथ स्थान तैयार किए जा रहे हैं।
यह मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स 1,000 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) के फ्लो रेट के हिसाब से डिजाइन किए गए हैं। यह प्रणाली 190 रोगियों को 5 एलपीएम की प्रवाह दर को पूरा कर सकती है और प्रतिदिन 195 सिलेंडर चार्ज कर सकती है। डीआरडीओ द्वारा एलसीए, तेजस के लिए ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जनरेशन के आधार पर मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) तकनीक विकसित की गई है। यह प्लांट ऑक्सीजन के परिवहन से जुड़े रसद संबंधी मुद्दों को दूर करेंगे एवं आपातकाल में कोविड-19 रोगियों की मदद करेंगे। सीएसआईआर ने अपने उद्योगों के माध्यम से 120 एमओपी संयंत्रों का भी आदेश दिया है।