राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने “मोल्टेन मेटल” कोड-नाम का एक खुफिया अभियान चलाया। हवाई कार्गो मार्ग का इस्तेमाल करके हांगकांग से भारत में सोने की तस्करी में लिप्त होने के संदेह वाले कई भारतीय और विदेशी (चीनी, ताइवानी और दक्षिण-कोरियाई) नागरिकों की पहचान की गई है। खुफिया निदेशालय ने संकेत दिया कि मशीनरी के पुर्जों के रूप में तस्करी किए गए सोने को स्थानीय बाजार में बेचने से पहले पिघलाया जा रहा था और टिकिया/सिलेंडर के आकार में ढाला जा रहा था।
उक्त खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए, डीआरआई अधिकारियों ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स में विदेश से आए माल की जांच की। जांच के दौरान, माल में ट्रांसफॉर्मर के साथ लगे इलेक्ट्रोप्लेटिंग मशीन पाए गए। ट्रांसफॉर्मर के ‘ईआई’ लैमिनेट्स को सोने की पहचान छिपाने के लिए निकलz से लेपित किया गया था। 80 आयातित इलेक्ट्रोप्लेटिंग मशीनों में से प्रत्येक से लगभग एक किलो सोना बरामद किया गया।
एक त्वरित अनुवर्ती कार्रवाई में, भारत में इसी तरह से तस्करी कर लाए गए 5.409 किलोग्राम विदेशी मूल के सोने को बरामद किया गया, जो दिल्ली के एक जौहरी के यहां से किया गया। इसके अलावा, छतरपुर और गुड़गांव में कई किराए की संपत्तियों में किए गए तलाशी अभियान के दौरान, चार विदेशी नागरिक (दक्षिण कोरिया से दो और चीन और ताइवान से एक-एक) तस्करी किए गए सोने को ‘ईआई’ लैमिनेट्स के रूप में आगे वितरण के लिए टिकिया/बेलनाकार रूप में परिवर्तित करने के लिए परिष्कृत धातुशोधन तकनीकों का उपयोग करते हुए पाए गए। ये गतिविधियाँ विदेशी नागरिकों द्वारा दक्षिण दिल्ली और गुड़गांव के इलाकों में किराए के फार्महाउस/अपार्टमेंट में संचालित की जा रही थीं और उनके द्वारा अपने निकटतम पड़ोसियों से भी अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए अत्यधिक सावधानी बरती जा रही थी।
पूरे सोने को जब्त कर लिया गया, जिसका कुल वजन 85.535 किलो ग्राम है, जिसकी कीमत लगभग 42 करोड़ रुपये है। तस्करी गतिविधियों में शामिल चार विदेशी नागरिकों को पकड़ लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के दौरान, यह पता चला है कि दो विदेशी नागरिक सोने की तस्करी के अपने पिछले अपराधों के लिए जेल में रहने के दौरान एक-दूसरे के करीब आए। मामले में आगे की जांच जारी है।