चंडीगढ: देश में अप्राकृतिक मृत्यु का सबसे बडा कारण सड़कों पर होने वाली मौते हैं। लाखों भारतीय डाइवर सडकों पर चलते हैं और उनमें से प्रतिदिन 400 लोग घर वापस नहीं आते हैं। इसका मुख्य कारण है सडकों पर खराब व्यवहार तथा रोड़ सेफ्टी नियमों के प्रति लापरवाही। जिससे कई मौतें और दुर्घटनाएं होती हैं। भारतीय सडकों पर दुर्घटनाओं की स्थिति की अधिकता और सडक दुर्घटना में होने वाली मौतें खतरनाक स्थिति तक पहुॅच चुकी है जिसे रोकना बहुत जरूरी है। इसीलिए ड्राइव स्मार्ट डाइव सेफ गैर सरकारी संगठन ने मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रान्सपोर्ट एंड हाईवेज तथा द सोसाईटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाईल मनिफैक्चर (एसआईएमए) के साथ मिलकर एक अनूठा कैम्पेन #1करोड हाथ साथ-साथ की शुरूआत किया गया है जिसका उद्देश्य देश भर के 100 से अधिक शहरों में रोड सेफ्टी वीक 2019 में 50 लाख लोगों को साथ लेकर 1 करोड हाथों को एक साथ लाना है। यह कैंपेन सडकों पर यातायात संबंधी समझ में बदलाव की हमारी सामूहिक शक्ति को जगाने और लोगों को रोड सेफ्टी के प्रति जागरूक करने के लक्ष्य को पाने के लिए किया जा रहा हैं।
इस कैपेंन में स्कूल, कॉलेज तथा कई प्राइवेट तथा सरकारी संगठन इस एक्शन ओरिएंटेड कैम्पेन के लिए एक साथ आए, जिससे वे अपने अपने सिस्टम में स्वयं अनुशासन और ड्राइवर व्यवहार को सम्मिलित करें तथा लोगों से उनकी राष्ट्रीय मानव श्रंखला कैम्पेन हैस टैग वन करोड हाथ साथ-साथ से जुडने की अपील करे।
इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में हजारों की संख्या में स्वयंसेवकों तथा पथ यात्री इन जगहों पर एकजुट होगें, और सडक दुर्घटनाओं में मारे गये 1.4 मिलीयन लोगों की स्मृति में 2 मिनट का मौन रखेंगें, लोगों को ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों तरीकों से 6 सूत्रीय आचारसंहिता के लिए हस्ताक्षर करने को प्रेरित करेंगें।
इस राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरूआत डेराबस्सी से 4 फरवरी को अगले 7 दिनों के लिए होगी, जहां 5000 लोगों ने डेराबस्सी अंबाला चंडीगढ हाईवे पर मानव श्रंखला बनाई। इस कार्यक्रम की शुरूआत हेला इंडिया लाइटिंग के प्रबंध निदेशक और क्लब डी2एस के अध्यक्ष श्री रामा शंकर पांडे, कमान्डेन्ट सीआपीएफ चंडीगढ विशाल खांडपाल, एसडीएम-डेराबस्सी और एसीपी डेराबस्सी ने झंडी दिखाकर की। सुखमणी स्कूल के छात्रों और हेला इंडिया के कर्मचारियों के साथ सुखमणी इंजीनयरिंग कॉलेज, सुखमणी डेन्टल कॉलेज, सुखमणी नर्सिंग और से कई लोगों ने इस कैपेंन में भाग लिया। 8 फरवरी को 11 बजे सडक दुर्घटना में मरने वालों की याद में एक विशाल मानव श्रंखला और देशव्यापी मौन देखा जायेगा।