नई दिल्ली: 14वें मरूस्थलीकरण रोकथाम पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (कॉप-14) के 10वें दिन सूखे पर विचार-विमर्श किया गया। यह सम्मेलन इंडिया एक्सपो सेन्टर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में चल रहा है। आज के सम्मेलन में पूरी दुनिया में सूखे संबंधी तैयारी के संदर्भ में मौजूदा प्रक्रियाओं और नीतियों की सफलता और चुनौतियों पर चर्चा की गई।
सूखा तैयारी दिवस पर यूएनसीसीडी के कार्यकारी सचिव श्री इब्राहिम थियाव ने कहा कि सतत विकास लक्ष्य-15 को प्राप्त करने में सूखा एक प्रमुख अवरोध है। सूखे के खिलाफ लड़ाई में हमें तेजी से आगे बढ़ना होगा। हमें सूखे को समाप्त करना होगा और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना होगा। संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों ने 2015 में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को अपनाया था। इसे वैश्विक लक्ष्य भी कहते हैं। इसके तहत 2030 तक गरीबी समाप्त करने, पृथ्वी को संरक्षित करने और सभी लोगों के लिए शांति और समृद्धि लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन के अंतर्गत जलवायु, जैव विविधता, भूमि और जल विभाग के सहायक महानिदेशक श्री रिनी कास्त्रो, क्वामे नकरमाह पैन अफ्रीकन सेंटर, घाना की अध्यक्ष सुश्री सामियामक्रूमाह तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
समारोह में सूखे के विभिन्न कारणों को रेखांकित किया गया। इस अवसर पर एक टूलबॉक्स लॉन्च किया गया, जिसमें सूखे से संबंधित समाधानों का जिक्र है। यह टूलबॉक्स सूखे से संबंधित पुस्तकों का संग्रह है, जो हमें सूखे का पूर्वानुमान करने और इसका सामना करने के लिए तैयारी करने के संबंध में ज्ञान प्रदान करता है। इसमें सूखे के प्रभाव को कम करने के लिए भी उपाय दिये गये हैं।
कॉप-14 के इंडिया पवेलियन के एग्रीस्केप्स विषय पर प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन) ने एक पैनल परिचर्चा का आयोजन किया। सत्र के पैनल विशेषज्ञों में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के आईजीएफ श्री दीपक कुमार सिन्हा, आईयूसीएन इंडिया के प्रतिनिधि डॉ. विवेक सक्सेना आदि शामिल थे।
इसके अतिरिक्त भूमि को उपजाऊ बनाने तथा सतत विकास लक्ष्य जैसे मुद्दों पर भी सत्रों का आयोजन किया गया।
भारत यूएनसीसीडी कॉप-14 की मेज़बानी कर रहा है, जो 2 सितम्बर को शुरू हुआ था और 13 सितम्बर, 2019 को समाप्त होगा।
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