लखनऊः उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चैधरी ने कहा है कि अस्थाई गो आश्रय स्थलों पर संरक्षित गोवंश की स्वास्थ्य रक्षा एवं ठंड से बचाव के समुचित प्रयास किए जाएं और औषधि की कमी व ठंड के कारण किसी भी गोवंश की मृत्यु ना होने पाए। उन्होंने क्षेत्रीय स्तर पर अस्थाई गो आश्रय स्थलों पर आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु सामाजिक सहयोग बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि विभिन्न ट्रस्टो, एनजीओ एवं अन्य समाजसेवी संस्थाओं को साथ में भी इसमें जोड़ा जाए । श्री चैधरी ने गौ संरक्षण केंद्रों के निर्माण कार्य एवं मुख्यमंत्री सहभागिता योजना गोवंश सुपुर्दगी योजना की धीमी गति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए हैं।
पशुधन मंत्री आज यहां पशुपालन निदेशालय में प्रदेश में निराश्रित बेसहारा गोवंश के संरक्षण हेतु संचालित कार्यक्रमों एवं दुग्ध विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। श्री चैधरी ने कहा कि निर्मित गोवंश संरक्षण केन्द्रों में क्षमता के अनुरूप लगभग 400 गोवंश रखने की व्यवस्था की जाये। संरक्षित गोवंश के ठंड से बचाव के लिए अलाव, तिरपाल व अन्य आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जाये। प्रदेश में गो सदनों के अतिरिक्त यदि विभाग के अन्तर्गत कोई भूमि यथा- कमियार (बाराबंकी), उपलब्ध हो तो उस पर गो-सफारी को विकसित किये जाने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाये।
श्री चैधरी ने कहा कि गो आश्रय स्थलों पर संरक्षित गोवंश के भरण पोषण के लिए माह मई में ही अधिकांश धनराशि की व्यवस्था करायी जाये, जिससे उपलब्ध भूसा गोदाम की क्षमता के अनुरूप भूसा भण्डारित कर लिया जाये। इसी के साथ ही मंत्री जी द्वारा अपेक्षा की गयी कि गो आश्रय स्थलों पर कार्यरत दैनिक श्रमिकों की निरन्तर मानदेय/मजदूरी के भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने प्रदेश में दुग्ध उत्पादन और अधिक बढ़ाने पर भी बल दिया।
समीक्षा बैठक में पशुधन विभाग एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री बी0एल0 मीणा नें मंत्री जी को विभागीय कार्यो एवं योजनाओं की अद्यतन प्रगति से अवगत कराया। प्रमुख सचिव ने प्रदेश के लगभग 42 गोवंश आश्रय स्थलों के माध्यम से 376000 संरक्षित गोवंश की स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु क्षेत्रीय स्तर पर औषधियों की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने विभाग द्वारा नामित जनपदीय नोडल अधिकारियों को दिनांक 5-10 दिसम्बर, 2019 के मध्य पुनः भ्रमण कर दिये गये निर्देषों का अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में पशुधन विभाग के निदेशक, श्री ओ0पी0 सिंह, (प्रशासन एवं विकास), निदेशक, श्री एस0 के0 श्रीवास्तव, (रोग नियंत्रण प्रक्षेत्र), संयुक्त निदेशक, डा0 अरविंद सिंह तथा पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।