इलाहाबाद: डीएलएड यानी BTC में अब अभ्यार्थियों को सीधे प्रवेश मिल जाएगा। काउंसलिंग कराने और एडमिशन की प्रक्रिया से अभ्यर्थियों को नहीं जूझना पड़ेगा। इसके लिए सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। दरअसल, डीएलएड सत्र 2018 के 2 चरणों की काउंसलिंग हो चुकी है उसके बावजूद भी लगभग 85000 सीटें खाली रह गई हैं। इन सीटों को भरने के लिए सरकार ने कॉलेजों को सीधे प्रवेश देने की छूट दे दी है। यानी जिन लोगों ने डीएलएड प्रशिक्षण 2018 के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था, उन्हें अब बिना किसी समस्या के प्रवेश मिल जाएगा और उन्हें दरबदर भटकने व परेशान होने की जरूरत नहीं होगी। इस बाबत जानकारी देते हुए परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा सुत्ता सिंह ने बताया कि डीएलएड की 2,30,575 सीटों में से 1,46,079 सीटें भरी जा चुकी हैं।लेकिन, अभी भी 84,496 सीटें खाली हैं। इन्हे भरने के लिये अब सीधे प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की गई है।
एडमिशन नहीं लिया तो अब है मौका
दरअसल डीएलएड की कक्षाएं 5 जुलाई से ही शुरू हो चुकी हैं, लेकिन संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में सरकार सबसे पहले इन्हीं सीटों को भरना चाहती है। इसलिये नये आदेश में कॉलेज को सीधे एडमिशन देने की छूट दे दी गई है। फिलहाल जिन्होंने किसी कारण से अभी तक डीएलएड के मौजूदा सत्र में एडमिशन नहीं लिया है और उन्होंने आवेदन किया हो तो अब चाहें तो वह सीधे एडमिशन ले सकते हैं। इसके लिए उन्हें सीधे कॉलेज में ही संपर्क करना होगा। इस बाबत संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश शासन ममता श्रीवास्तव द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है।
शिक्षक बनने के लिए जरूरी
उत्तर प्रदेश में टीचर बनने के लिये बीएड व डीएलएड जैसे कोर्स अब अनिवार्य हो गये हैं। ऐसे में इन कोर्सों की डिमांड पहले की अपेक्षा बढ़ गई है। सरकार की नई गाइडलाइंस के अनुसार टीचर की योग्यता के लिये बीएड व डीएलएड कोर्स के बाद ही टीईटी का पास होना अनिवार्य है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों, सीटीई वाराणसी और निजी डीएलएड प्रशिक्षण संस्थानों में डीएलएड का प्रशिक्षण सत्र शुरू हो गया है।
रिजर्व कोटे पर भी प्रवेश
डीएलएड की रिजर्व कोटे की खाली सीटों पर भी सीधे प्रवेश मिलेगा और खास बात यह है कि यह सीटें अनारक्षित कोटे में ही काउंट होंगी। चूंकि डीएलएड की 2,30,575 सीटे यूपी में है और दो चरण की काउंसलिंग पूरी होने के बाद 1,46,079 सीटें अब तक भरी जा चुकी हैं। अभी 84,496 सीटें खाली हैं और इन्हे शत-प्रतिशत भरने के लिये सीधे प्रवेश का नियम लागू किया गया है। ऐसे में वह सीटें जो पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति/ जनजाति एवं विशेष आरक्षण श्रेणी के अभ्यर्थी से भरी जानी है या भरी जानी थी, लेकिन उस श्रेणी के अभ्यर्थी नहीं मिले तो उन्हे खाली सीट मानते हुये उस पर भी सामान्य श्रेणी के अभ्यार्थी को प्रवेश दिया जाएगा।