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ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की बाध्यता के चलते कम किसानों ने कराया पंजीकरण

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू जी ने आज वीडियो-कांफ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के पदाधिकारियों से संवाद किया, जिसमे किसानों के साथ हो रही गेहूं खरीद में आ रही समस्या और कोटेदारो द्वारा राशन वितरण में हो रही धांधली में प्रमुख रूप से चर्चा हुयी।
प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू जी ने कहा कि सरकार ने गेंहू खरीद का मूल्य 1925 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है उससे ₹150- 200 किसानों को कम मिल रहे हैं। किसानों को मिली रसीद में सरकारी रेट ही अंकित होता है लेकिन खरीद सेंटर वाले डेढ़ सौ से ₹200 प्रति कुंटल कम दे रहे हैं।

साथ ही एक कुंतल के पीछे खरीद केंद्र वाले 6 से 7 किलो काट ले रहे हैं। ये किसानों के साथ सरासर अन्याय है।

जारी प्रेस नोट में श्री अजय कुमार लल्लू जी ने कहा कि किसानों को अपना गेहूं सरकारी रेट में बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ रहा है इससे किसानों को बहुत समस्या आ रही है । लॉकडाउन के चलते इंटरनेट कैफे हर जगह खुले नहीं है, साथ ही यदि किसान को 100 क्विंटल से ज्यादा गेहूं बेचना है तो उप जिलाधिकारी से सत्यापन भी करवाना पड़ेगा, जिसमे काफी समय लग रहा है। इससे परेशान होकर किसान अपना गेंहू औने-पौने दाम पर बेच दे रहे है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लालू जी ने कहा है इस प्रक्रिया से किसान प्रताड़ित हो रहा है इसलिए सरकार खरीद केंद्रों को आदेशित करें कि वह किसानों के घर-घर जाकर गेहूं की खरीद करें, इससे किसान परेशान नहीं होंगे और उन्हें वाजिब दाम मिल जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि कोरोना (वायरस) महामारी के संक्रमण के समय कामगार, मजदूर वर्ग के बीच भोजन के भी लाले हैं। जिनके लिये संकट की इस घड़ी में केवल सरकारी राशन ही एक मात्र पेट की भूख शांत करने का सहारा है। लेकिन कोटेदारो द्वारा राशन वितरण में धांधली हो रही है। वो राशन वितरण में प्रति राशन कार्ड दो से तीन किलो की घटतौली कर रहे है। साथ ही लाभार्थियों के अंगूठे लगवाकर राशन का बंदर-बाट कर रहे है। प्रदेश सरकार खाद्य आपूर्ति विभाग को कड़े निर्देश जारी करे, जिससे राशन वितरण में धांधली न हो और गरीब-मजदूरों को परेशानी न आये।

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