नई दिल्ली: हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच के दौरान धमकाने और परेशान करने वाले सांसदों के लिए बुरी खबर है। गृह मंत्रालय ने केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(सीआईएसएफ) से कहा है कि वे नखरें करने वाले सांसदों के नाम जारी करें। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, हाल ही में एक बैठक के दौरान हमने सीआईएसएफ के आला अधिकारियों से उनकी वार्षिक रिपोर्ट में इस तरह के सांसदों के नाम बताने को कहा है। जिससे कि वे सुरक्षाकर्मियों पर रौब डालना से बचे।
उन्होंने बताया कि मंत्रालय को सांसदों से पिछले कुछ सालों से सीआईएसएफ कर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार की खबरें मिल रही है। लेकिन जांच में ये शिकायतें झूठी साबित हुई। इसके उलट सांसदों से जब सुरक्षा नियमों के पालन को कहा गया तो उन्होंने सीआईएसएफ कर्मियों के साथ झगड़ा किया और उन्हें धमकी दी। इसके बाद उन्होंने झूठी शिकायतें भी दर्ज करा दी।
कई बार वे अपना आईडी कार्ड दिखाकर जांच से बचने का प्रयास करते हैं लेकिन सीआईएसएफ कर्मी उन्हें रोक देते हैं। ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी के नियमानुसार सांसदों को हवाई अड्डों पर सुरक्षा जाच में ढील नहीं है। गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2011 में सांसदों और कुछ नौकरशाहों और 2012 में पांच और 2013 में 30 गलत शिकायतें मिली।
इनको मिलती है छूट
नियमानुसार राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य चुनाव आयुक्त, केन्द्रीय कैबिनेट सचिव, दलाई लामा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके परिवार के सदस्य, कैबिनेट मंत्री, पूर्व राष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर, मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और तीनों सेनाओं के प्रमुख।