लखनऊ: ओ0पी0 सिंह, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा एक नई पहल करते हुए शासन से शासकीय कर्तव्य पालन के दौरान गम्भीर दुर्घटना हो जाने के फलस्वरूप लम्बे समय तक ‘‘कोमा’’ में गये अराजपत्रित पुलिस कर्मी के परिवार को अनन्तिम असाधारण पेंशन या ‘‘कोमा’’ अवधि का पूर्ण वेतन दिये जाने के सम्बन्ध में शासन से अनुरोध किया गया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस असाधारण नियमावली 1975 के तहत ऐसे अराजपत्रित पुलिस कर्मी, जो डाकुओं या सशस्त्र अपराधियों अथवा विदेशी प्रतिरोधियों से लड़ने के दौरान शहीद होते हैं, उनके परिवार को असाधारण पेंशन देय है।
कर्तव्य पालन के दौरान चाहे शस्त्र मुठभेड़ हो अथवा किसी अन्य शासकीय कर्तव्य पालन के दौरान पुलिस कर्मी गम्भीर रूप से घायल हो जाते हैं तथा कभी-कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि पुलिस कर्मी लम्बे समय तक ‘‘कोमा’’ में रहता है। लम्बे समय तक ‘‘कोमा’’ में रहने पर उसे अनुमन्य सभी प्रकार के अवकाश समाप्त हो जाते हैं, जिसके कारण उसके परिवार को अत्यधिक आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ता है।
वर्तमान समय में ऐसा ही एक प्रकरण जनपद आगरा से प्राप्त हुआ है, जिसमें दिनांक 07.01.2009 को कानपुर देहात में नियुक्त आरक्षी 483 ना0पु0 वरूण कुमार मिश्रा एवं आरक्षी 777 ना0पु0 जितेन्द्र सिंह पुलिस लाइन्स से सरकारी महत्वपूर्ण डाक लेकर कानपुर नगर/मेरठ रवाना हुए थे कि कस्बा जौनपुर में ट्रक चालक की लापरवाही से मोटरसाइकिल सवार दोनों आरक्षीगण घायल हो गये। उक्त घटना में आरक्षी वरूण कुमार मिश्रा की घटनास्थल पर मृत्यु हो गयी तथा आरक्षी जितेन्द्र सिंह को उपचार हेतु पीजीआई लखनऊ रेफर कर दिया गया। आरक्षी जितेन्द्र सिंह लगातार ‘‘कोमा’’ में चल रहा है। उक्त प्रकरण में मृतक आरक्षी वरूण कुमार मिश्रा के परिवार को असाधारण पेंशन मिल रही है।
उक्त वर्णित परिस्थिति में यह विचारणीय है कि शासकीय कर्तव्य पालन के दौरान गम्भीर दुर्घटना के कारण ‘‘कोमा’’ में गये पुलिस कर्मी को भी उसके वेतन के समतुल्य धनराशि उपलब्ध करायी जाती रहे, जिससे सम्बन्धित कर्मी की चिकित्सा एवं उसके परिवार का भरण-पोषण यथावत चलता रहे।
पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा महिला पुलिस कर्मियों (अराजपत्रित श्रेणी) का परिमार्जित वर्दी निर्धारण:-
पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा शासन की अपेक्षानुसार उ0प्र0 महिला पुलिस कर्मियों (अराजपत्रित श्रेणी) की वर्दी में उनकी सुविधा के दृष्टिगत परिमार्जित वर्दी निम्नानुसार निर्धारित की गयी हैः-
(1) महिला पुलिस कर्मियों के द्वारा धारण की जाने वाली वर्दी की पैण्ट प्रचलित यूनीफार्म के मानक के अनुरूप ही यथावत होगी तथा नाभि के पास से पहनी जायेगी।
(2) वर्दी की शर्ट ट्यूनिक की भांति धारण की जायेगी। शर्ट सामान्यतः सावधान की मुद्रा में दोनों हाथ जहां तक जाते है, वहां तक शर्ट की लम्बाई होगी।
(3) ग्रीष्मकालीन ़ऋतु में वर्दी की खाकी शर्ट हाफ बाजू की एवं शीतकालीन ऋतु में अंगोला की शर्ट फुल बाजू की शर्ट धारण की जायेगी।
(4) वर्दी की शर्ट का कालर ट्यूनिक की भांति डबल कालर के रूप में होगा।
(5) शर्ट में कुल चार जेब ट्यूनिक की भांति बनाये जायेंगे।
(6) शर्ट की साइट में व पीछे दो-दो लूप कुल चार लूप (प्लेन) बेल्ट के लिए लगाये जायेंगें। उ0प्र0 पुलिस की बकल के साथ कपड़े की बेल्ट अथवा नेवाड की बेल्ट धारण की जायेगी।
(7) वर्दी की शेष सामग्री यथावत् रहेगी।
उक्त आदेश के अनुसार वर्दी धारण करने हेतु दो माह के अन्दर महिला पुलिस कर्मियों (अराजपत्रित श्रेणी) को अनुपालन के लिये निर्देश दिये गये हैं।