नई दिल्ली: महामहिम राष्ट्रपति जकाया एमरिशो किकवेती,
मीडिया के सदस्यगण, राष्ट्रपति किकवेती और उनके शिष्टमंडल के भारत आगमन पर उनका स्वागत करते हुए मुझे प्रसन्नता हो रही है।
मेरी सरकार को अफ्रीका से किसी राष्ट्राध्यक्ष की पहली भारत यात्रा की मेजबानी का अवसर मिला है।
राष्ट्रपति किकवेती के विजन और नेतृत्व से पिछले एक दशक में तंजानिया में राजनीतिक स्थिरता बढ़ी है और आर्थिक विकास हुआ है।
उन्होंने अफ्रीका में शांति एवं सहयोग के भविष्य के लिए कार्य किया है।
और, हम भारत से संबंधों के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता को अत्यधिक मूल्यवान मानते हैं।
भारत और तंजानिया हिंद महासागर से जुड़े हैं। इन धाराओं से सदियों पुराने मानवीय संपर्क रहे हैं। तंजानिया में भारतीय मूल के लगभग 50,000 लोग रहते हैं।
उपनिवेश के खिलाफ संघर्ष का साझा इतिहास हमें भावात्मक रूप से जोड़ता है।
सभी के लिए समानता और सम्मानजनक जीवन के लिए हमारा स्वर एक है।
विकासशील देशों के बीच गंभीर सहयोग तथा विकासशील देशों के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हमारा स्वर एक रहा है।
समावेशी आर्थिक विकास के लिए हमारी आकांक्षाएं एक हैं।
हिंद महासागर में समुद्री सुरक्षा में तथा शांतिपूर्ण एवं समृद्ध अफ्रीका में हमारे हित समान हैं। हमारे अपने-अपने क्षेत्रों में आतंकवाद दोनों देशों के लिए चिंता का विषय है। हमने आतंकवाद से मुकाबला करने में सहयोग को मजबूत बनाने के लिए संयुक्त कार्य समूह स्थापित किया है।
हमारे न केवल व्यापक हित एक हैं बल्कि हमारे संबंध भी घनिष्ठ हैं। हम तंजानिया के सबसे बड़े कारोबारी साझेदार तथा स्थायी विकास में साझेदार हैं।
राष्ट्रपति किकवेती और मेरी आज व्यापक और उपयोगी बातचीत हुए। मैंने तंजानिया के साथ संबंधों के प्रति भारत की निरंतर प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।
चार अरब डॉलर का हमारा व्यापार भारत के पक्ष में है। मैंने राष्ट्रपति किकवेती से निवेश और निर्यात के लिए और क्षेत्रों को खोलने का आग्रह किया।
तंजानिया में भारतीय निवेश अनेक क्षेत्रों में तीन अरब डॉलर से अधिक है। भारतीय निवेशक तंजानिया में और अधिक निवेश के लिए तैयार हैं। इससे तंजानिया के विकास और व्यापार को समर्थन मिलेगा।
मैंने तंजानिया में समृद्ध प्राकृतिक गैस क्षेत्र के विकास में सहयोग की पेशकश की। हमने समुद्री क्षेत्र तथा समुद्री अर्थव्यवस्था में सहयोग पर विचार विमर्श किया। हाईड्रोग्राफी पर समझौता इस क्षेत्र में हमारे सहयोग में महत्वपूर्ण कदम है। हमें तंजानिया में मानव संसाधन, स्वास्थ्य, कृषि, संस्थानों तथा अवसरंचना विकास में साझेदार बनने से प्रसन्नता है।
मैंने राष्ट्रपति किकवेती को आश्वासन दिया कि आज हुए समझौते संकेत देते हैं कि हमारी विकास की साझेदारी जारी रहेगी।
तंजानिया के नागरिक बड़ी संख्या में भारत आते हैं। भारत में तंजानिया के विद्यार्थियों की संख्या दो हजार है। मैंने राष्ट्रपति किकवेती को बताया कि हम जल्द ही तंजानिया को अपना ई-टूरिस्ट वीज़ा स्कीम प्रदान करेंगे।
हमने क्षेत्रीय तथा पारस्परिक हित के वैश्विक विषयों पर चर्चा की। हम आतंकवाद का मुकाबला करने तथा समुद्री सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
हम विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी के लिए तंजानिया के समर्थन की सराहना करते हैं।
मैंने राष्ट्रपति किकवेती को नई दिल्ली में अक्टूबर में होने वाली तीसरी भारत-अफ्रीका फोरम शिखर बैठक की जानकारी दी। हमने पहली बार 54 अफ्रीकी देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है।
तंजानिया भारत-अफ्रीका साझेदारी का महत्वपूर्ण हिस्सा है। राष्ट्रपति किकवेती ने 2008 में प्रथम भारत-अफ्रीका फोरम शिखर बैठक की सह-अध्यक्षता की। हम उनकी भागेदारी के प्रति आशान्वित है।
मैं यह कहना चाहूंगा कि तंजानिया और अफ्रीका के साथ हमारे संबंध बढ़ते रहेंगे। दिल्ली में हिंद महासागर के पड़ोस के नेता की मेजबानी कर आपार हर्ष हो रहा है।
धन्यवाद।