लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने बताया कि देश भर के छात्र छात्राओं को उत्कृष्ट शिक्षा पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने हेतु उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी एवं नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी आफ इंडिया आईआईटी खड़गपुर के मध्य पार्टनरशिप हेतु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सहमति प्रदान कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी आफ इंडिया आईआईटी खड़कपुर द्वारा उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी के साथ पार्टनरशिप हेतु एक अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की लाइब्रेरी के साथ इस प्रकार की सामंजस्य विभाग के लिए गौरव की बात है और हमारी लाइब्रेरी की उत्कृष्टता का प्रमाण है।
डॉ शर्मा ने बताया कि नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी आफ इंडिया शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की पहल है, जिसका उद्देश्य शैक्षिक सामग्री का वर्चुअल संग्रह बनाना है। शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन का दायित्व आईआईटी खड़कपुर को सौंपा है। श्रीमती सुधा राय चीफ ऑपरेटिंग ऑफीसर नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी आफ इंडिया ने इस प्रोजेक्ट में विभाग के साथ सहयोग करने के लिए रुचि दिखाई है, ताकि उनके उपयोगकर्ताओं को भी उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी पर उपलब्ध पठन-पाठन सामग्री का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि लाइब्रेरी में अंग्रेजी के साथ साथ हिंदी में भी ई कंटेंट उपलब्ध है और इस सहयोग एवं एकीकरण से देश के अनेक छात्र लाभान्वित होंगे
अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका एस. गर्ग ने बताया कि उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी में 70 हजार से भी अधिक ई कंटेंट उपलब्ध हैं। यह लाइब्रेरी ज्ञान का एक अनूठा संग्रह है, जिसमें प्रदेश के सर्वोत्तम अध्यापकों के नोट्स एवं लेक्चर्स हर छात्र को निशुल्क सुलभ हैं। छात्र किसी भी कॉलेज में पढ़ता हो उसके विषय के प्रदेश के सर्वोत्तम शिक्षक के नोट्स एवं लेक्चर आज उसे इस लाइब्रेरी के माध्यम से उपलब्ध हैं। ऑनलाइन शिक्षण के इस समय में जिन छात्रों के पास निर्बाध इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उनके लिए यह लाइब्रेरी वरदान स्वरुप है। इसके उपयोग से वे अपनी सुविधा अनुसार शिक्षण सामग्री डाउनलोड करके पढ़ाई कर सकते हैं। कोई भी छात्र अपनी सुविधानुसार अपने घर पर इसका उपयोग कर सकता है। उन्होंने बताया कि अब तक दो लाख से अधिक हिट्स इस पोर्टल पर हो चुके हैं।
श्रीमती गर्ग ने बताया कि एनआईसी की तकनीकी क्षमता के दृष्टिगत सॉफ्टवेयर एवं प्लेटफार्म विकसित करने का दायित्व सौंपा गया और उन्होंने यह कार्य मात्र तीन सप्ताह में न्यूनतम व्यय में संपन्न कर दिया इसके साथ ही पाठ्यक्रम के अनुरूप ही कंटेंट तैयार करके अपलोड करने के लिए विभाग द्वारा गाइडलाइन तैयार की गई आई.पी.आर. कॉपीराइट एवं अन्य बिंदुओं पर शिक्षकों की पृच्छाओं का समाधान करने के उद्देश्य राज्य एवं निजी विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों के शिक्षकों के साथ अनेक वर्चुअल बैठकें और वेबिनार आयोजित किए गए। अपलोड की जाने वाली पाठ्î सामग्री की गुणवत्ता की महत्ता को देखते हुए समुचित व्यवस्थाएं बनाई गई हैं।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश के शिक्षकों ने इस पुनीत कार्य में बढ़-चढ़कर योगदान दिया और पाठ्यक्रम के अनुरूप टेक्स्ट के साथ-साथ ऑडियो-वीडियो भी अपलोड किए। उन्होंने बताया कि आज इस लाइब्रेरी में 134 विषयों के 70 हजार से भी अधिक ई-कंटेंट उपलब्ध हैं, जिन्हें 23 विश्वविद्यालयों एवं अनेक महाविद्यालयों के शिक्षकों द्वारा तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा डिजिटल लाइब्रेरी द्वारा नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी आफ इंडिया के साथ समझौता होने के फलस्वरुप पाठ्य सामग्री केवल प्रदेश के ही नहीं बल्कि देशभर के छात्र छात्राओं को निशुल्क उपलब्ध हो जाएगी।