वस्तु एवं सेवाकर (GST) दाखिल करने के मामले में ई-इनवॉयस प्रणाली एक बड़े बदलाव का माध्यम बनी है। पिछले छह महीने का सफर इसने सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस अवधि में 88000 से ज्यादा आकारोबारियों द्वारा 39.81 करोड़ से अधिक ई-इनवॉयस तैयार किए गए। इस लेनदेन में 47 लाख से अधिक पाने वाले शामिल हैं जिन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट आसानी से प्राप्त हो सकेगा। 31 मार्च 2021 को 37.42 लाख ई-इनवॉयस बनाए गए जो पिछले 6 महीनों में एक दिन में बनाए गए सबसे अधिक ई-इनवॉयस हैं।
सालाना 500 करोड़ रूपए से अधिक का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए ई-इनवॉयस प्रणाली को अनिवार्य बनाते हुए इसकी शुरुआत 1 अक्टूबर 2020 को की गई थी। इसके बाद 1 जनवरी 2021 से 100 करोड़ से लेकर 500 करोड़ रुपए तक का सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए लेन देन करने पर ई-इनवॉयस जरुरी बना दिया गया। सरकारी आदेश के अनुसार अब1 अप्रैल 2021 से सालाना 50 करोड़ से लेकर 100 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए भी इसे अनिवार्य बना दिया गया है।
राष्ट्रीय सूचना केन्द्र (एनआईएसी) ने इन करदाताओं को ई-इनवॉयस पंजीकरण पोर्टल (आईआरपी) से जोड़ने में मदद की है और इसके साथ ही वह इन करदाताओं के लिए ई-इनवॉयस बनाने की प्रक्रिया को संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार हो चुका है।