नई दिल्ली: सितम्बर, 2016 में ई-पर्यटक वीजा पर कुल मिलाकर 68,809 पर्यटक आए, जबकि सितम्बर, 2015 में 31,729 पर्यटक आए थे। इस तरह सितम्बर, 2016 में ई-पर्यटक वीजा पर आए पर्यटकों की संख्या में सितम्बर, 2015 की तुलना में 116.9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। पर्यटक वीजा सुविधा का लाभ उठाने में ब्रिटेन (15.5 प्रतिशत) शीर्ष स्थान पर रहा। उसके बाद अमेरिका (12.4 प्रतिशत) और चीन (9 प्रतिशत) रहे।
ई-पर्यटक वीजा सुविधा भारत में 16 हवाई अड्डों पर 150 देशों के नागरिकों के लिए उपलब्ध है। सितम्बर, 2016 के दौरान ई-पर्यटक वीजा सुविधा का लाभ उठाने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में सितम्बर, 2015 की अवधि की तुलना में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है।
सितम्बर, 2016 के दौरान ई-पर्यटक वीजा की मुख्य बातें निम्नलिखित रहीं:
(i) सितम्बर, 2016 के दौरान 116.9 प्रतिशत की उल्लेखनीय बढ़ोतरी के साथ ई-पर्यटक वीजा पर कुल मिलाकर 68,809 पर्यटक आए, जबकि सितम्बर, 2015 में महज 31,729 पर्यटक ही आए थे।
(ii) जनवरी-सितम्बर, 2016 के दौरान ई-पर्यटक वीजा पर कुल मिलाकर 6,75,302 पर्यटक आये, जबकि जनवरी-सितम्बर, 2015 में यह संख्या 2,01,705 थी। अत: इस तरह पर्यटकों की संख्या में 234.8 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
(iii) यह बढ़ोतरी 150 देशों के लिए ई-पर्यटक वीजा की पेशकश करने से ही संभव हुई है, जबकि पहले यह संख्या केवल 113 ही थी।
(iv) सितम्बर, 2016 के दौरान ई-पर्यटक वीजा सुविधाओं का लाभ उठाने वाले शीर्ष 10 स्रोत देशों की हिस्सेदारी प्रतिशत में निम्नलिखित रही:
ब्रिटेन (15.5 प्रतिशत), संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (12.4 प्रतिशत), चीन (9 प्रतिशत), ऑस्ट्रेलिया (6 प्रतिशत), फ्रांस (4.3 प्रतिशत), जर्मनी (4.8 प्रतिशत), कनाडा (3.1 प्रतिशत), स्पेन (3.6 प्रतिशत), यूएई (2.6 प्रतिशत) और मलेशिया (2.6 प्रतिशत)।
(v) सितम्बर, 2016 के दौरान ई-पर्यटक वीजा पर आए पर्यटकों के मामले में शीर्ष 10 हवाई अड्डों की हिस्सेदारी प्रतिशत में निम्नलिखित रही:
नई दिल्ली हवाई अड्डा (51.71 प्रतिशत), मुंबई हवाई अड्डा (21.06 प्रतिशत), बेंगलुरू हवाई अड्डा (6.44 प्रतिशत), चेन्नई हवाई अड्डा (6.27 प्रतिशत), हैदराबाद हवाई अड्डा (2.45 प्रतिशत), कोच्चि हवाई अड्डा (3.50 प्रतिशत), कोलकाता हवाई अड्डा (2.34 प्रतिशत), तिरुअनंतपुरम हवाई अड्डा (1.35 प्रतिशत), अमृतसर हवाई अड्डा (1.18 प्रतिशत) और डाबोलीन (गोवा) हवाई अड़डा (1.11 प्रतिशत)।