नई दिल्ली: कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने गुवाहाटी में नागरिक केंद्रित सेवा प्रदाता प्रणाली में प्रभावकारी पहलों के सम्बंध में दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के सचिव श्री सी. विश्वनाथ ने कल (15 सितंबर, 2016) सम्मेलन का उद्घाटन किया था।
सम्मेलन में आज दूसरे दिन ई-ऑफिस और केंद्रीयकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पर चर्चा हुई, जिसके कारण नागरिक केंद्रित शासन और सरकारी कर्मचारियों को फायदा हुआ है। राष्ट्रीय सूचना केंद्र की वरिष्ठ तकनीकी निदेशक श्रीमती रचना श्रीवास्तव ने ई-ऑफिस पर प्रस्तुतिकरण दिया और बताया कि वैयक्तिक सूचना प्रबंधन प्रणाली, फाइल प्रबंधन प्रणाली, सम्पत्ति कर सूचना प्रणाली प्रबंधन और अन्य ई-ऑफिस प्रबंधन प्रणालियों से प्रशासनिक व्यवस्था की कार्यकुशलता में किस तरह विकास होता है।
राष्ट्रीय सूचना केंद्र की वरिष्ठ तकनीकी निदेशक डॉ. मीनाक्षी महाजन ने सीपीजीआरएएमएस का उल्लेख करते हुये इसके महत्व और आवश्यकता की चर्चा की। पेनल चर्चा का संचालन डीएपीआरजी की संयुक्त सचिव श्रीमती स्मिता कुमार ने किया।
पहलों/सुधारों पर प्रस्तुतिकरण देते हुये सिक्किम के बागबानी सचिव श्री के. भूटिया ने सिक्किम जैविक मिशन की सफलता का उल्लेख किया। सिक्किम के विशेष पर्यटन सचिव श्री जे.डी. भूटिया ने सिक्किम पर्यटन पर प्रस्तुतिकरण दिया। इसके अलावा मेघालय के कार्यक्रम कार्यान्वयन एवं आकलन विभाग के अवर सचिव श्री वी.के. मंत्री ने एकीकृत बेसिन विकास आजीविका कार्यक्रम पर प्रस्तुतिकरण पेश किया।
महिला विकास निगम, पटना की प्रबंध निदेशक डॉ. एन. विजया लक्ष्मी ने उन्नत स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता के लिये महिला समूह अग्रणी पहल विषयक ग्राम वर्त-ग्रामीण संवाद के बारे में बताया।
आंध्र प्रदेश फाइबर ग्रिड कार्पोरेशन के ईडी श्री अत्लुरी रामा राव ने एपी फाइबर परियोजना के कार्यान्वयन और योजना पर प्रकाश डाला। इस दौरान दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में टेली-लिंकिंग पहल के विषय पर भी चर्चा की गयी। असम के दूरसंचार विभाग के निदेशक श्री आर.के टोंडर, सूचना प्रौद्योगिकी संयुक्त सचिव श्री फकरुद्दीन अहेद, आंध्रप्रदेश फाइबर ग्रिड कार्पोरेशन के ईडी श्री अत्लुरी रामा राव और नगालैंड के सूचना प्रौद्योगिकी आयुक्त एवं सचिव श्री के.डी. वाइजो ने दूरस्थ क्षेत्र संपर्कता और पहुंच पर अपने-अपने राज्यों की तरफ से प्रस्तुतिकरण पेश किया और इस विषय पर चर्चा की।
इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन डीएआरपीजी ने असम सरकार के सहयोग से किया। पूर्वोत्तर क्षेत्र के आठ राज्यों सहित पूर्वी क्षेत्र के चार राज्यों पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और झारखंड के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में हिस्सा लिया।
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