नई दिल्ली: केंद्रीय विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा एवं खान मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने आज लैस-कैश इंडिया समिट के अवसर पर व्यापारी बंधुओं की एक जनसभा को संबोधित किया। श्री गोयल ने व्यापारियों को अर्थव्यवस्था से भ्रष्टाचार और बेहिसाब धन को जड़ से समाप्त करने की दिशा में सरकार के एक सकारात्मक कदम विमुद्रीकरण अभियान में भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहन दिया। मंत्री महोदय ने जोर दिया कि यह एक अल्पकालिक असुविधा है लेकिन भारत की जनता ने इस कदम में अपना जबरदस्त समर्थन दिखाया है जिससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक को दीर्घकालिक अवधि में लाभ होगा।
श्री गोयल ने कहा कि विमुद्रीकरण एक अत्यंत महत्वपूर्ण फैसला है जिससे न सिर्फ लोगों की सोच और उनके कार्य में बदलाव आएगा बल्कि पहली बार यह ईमानदार व्यक्ति को गौरवान्वित होने का अहसास दिलाएगा। उन्होंने कहा कि इस विचार को सुनियोजित तरीके से कार्यान्वित किया जा रहा है इसलिए लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त समाज की दिशा में सरकार के प्रयासों का समर्थन करने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना ‘डिजिटल इंडिया’ पर प्रकाश डालते हुए श्री गोयल ने कहा कि एटीएम अतीत की बात है और भारत अब भविष्य में एक डिजिटल, नकदी रहित अर्थव्यवस्था को गले लगाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि प्रत्येक छोटे या बड़े व्यापारी के पास पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन हो जिसे जल्द ही औपचारिक अर्थव्यवस्था में प्रत्येक लेनदेन के लिए लाया जाएगा। इसके अलावा आम आदमी के दिन प्रतिदिन के लेनदेन उनके आधार नंबरों पर आधारित होंगे।
श्री गोयल ने देशभर के व्यवसायियों से अर्थव्यवस्था में अनौचित प्रतिस्पर्धा को समाप्त करने के लिए व्यापार में आसानी लाने और समान अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए सरकार के प्रयासों में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण और लैस-कैश इकॉनोमी सरकार के द्वारा उठाया गया एक अभिन्न कदम है।
श्री गोयल ने डिजिटल लेनदेन के बढ़ते उपयोग को प्रोत्साहन और व्यापार में लेनदेन लागतों को न्यूनतम करने की दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के लिए उपयोगी सुझाव देने के लिए अखिल भारतीय व्यापार संघ की सराहना की। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सरकार इन निर्णयों में आने वाली परेशानियों की समीक्षा कर रही है और इन पर शीघ्र ही निर्णय लिए जाएंगे।
श्री गोयल ने लैस-कैश इकॉनोमी की दिशा में आम आदमी के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए मीडिया से भी संरचनात्मक भूमिका निभाने की अपील की।