नई दिल्ली: नेपाल में आए भूकंप के बाद आज फिर दोबारा बड़े झटके से हर तरफ दहशत है। इससे भारत और नेपाल दोनों जगहों पर जिस तरह जान-माल का नुकसान हुआ है, उसे देखते हुए प्रधानमंत्री के घर 7 आरसीआर पर बैठक हुई। इस बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, विदेशमंत्री सुषमा स्वराज, जीतेंद्र सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस उच्च स्तरीय बैठक में नेपाल के हालात पर चर्चा हुई।
भारत सरकार भी नेपाल को हर संभव मदद देने में जुट गई है। पीएम मोदी ने भी नेपाल की हरतरह की सहायता उपलब्ध कराने की धोषणा की है। इससे पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी पीएम मोदी ने कहा कि हमने साल 2001 का कच्छ में आया भूकंप करीब से देखा है, इसलिए वह नेपाल के हालात को समझ सकते हों। उन्होंने कहा कि मैं कल्पना कर सकता हूं कि नेपाल के भाई-बहनों पर क्या बीत रही होगी। हिंदुस्तान आपके दुख में आपके साथ है।
कई जगहों पर मदद पहुंची है और कई जगहों पर तो मदद पहुंची भी नहीं है। भारत भी लगातार नेपाल की मदद में जुटा है। नेपाल में मदद के लिए भारतीय सेना की ओर से ‘मैत्री ऑपरेशन’ चलाया जा रहा है। अब तक 546 भारतीयों को निकाला जा चुका है। 8 एमआई हेलीकॉप्टर काठमांडू में राहत पहुंचाने के लिए लगाए गए हैं। इनमें से 5 पहुंच चुके हैं। NDRF की आज भी कई टीमें काठमांडू पहुंच रही हैं। इनके अलावा पानी, दवा, डॉक्टर, खाना पीना, टेंट और मलबा साफ करने का सामान ये सब भी नेपाल भेजा जा रहा है।