नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आचार संहिता उल्लंघन के एक और मामले में क्लीन चिट दे दी है, जिसके बाद कुल पांच मामलों में पीएम को क्लीन चिट मिल गई है. हालांकि उनपर अभी चार मामलों में सुनवाई होनी बाकी है. पीएम मोदी पर आचार संहिता उल्लंघन की कुल 9 शिकायत दर्ज हुई थीं, जिनमें से तीन कांग्रेस ने कराई थी.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पीएम पर आरोप लगाया था कि उन्होंने महाराष्ट्र के नांदेड़ में 6 अप्रैल, 2019, उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 25 अप्रैल, 2019 और 26 अप्रैल, 2019 को एक निजी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया था.
वहीं चुनाव आयोग ने कांग्रेस की इन शिकायतों की जांच की, जिसके बाद उन्होंने माना कि पीएम मोदी के भाषण और बयान में किसी भी प्रकार से आचार संहित का उल्लंघन नहीं हुआ है.
पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ भी कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी. कांग्रेस ने अमित शाह पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में 22 अप्रैल को एक ऐसा बयान दिया था, जो कि आचार संहिता का उल्लंघन करता है. कांग्रेस की इस शिकायत पर आयोग ने कहा कि विस्तृत रिपोर्ट देखकर यह स्पष्ट होता है कि इस मामले में आचार संहिता का उल्लंघन नहीं हुआ है.
इससे पहले चुनाव आयोग पीएम नरेंद्र मोदी के राजस्ठान के बाड़मेर में रैली के दौरान सश्स्त्र बल की ताकत का अपने भाषण में इस्तेमाल करने के मामले में क्लीन चिट दी थी. बाड़मेर में पीएम ने कहा था कि “भारत ने परमाणु हथियार दिवाली में इस्तेमाल करने के लिए नहीं रखे हैं.”
पीएम के इस बयान का काफी विरोध किया गया, जिसके बाद चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की गई थी. चुनाव आयोग ने पूरे मामले को समझा और पीएम को क्लीन चिट दी.
वर्धा विवाद
इसके बाद वर्धा में पीएम मोदी की स्पीच को लेकर भी विवाद खड़ा हुआ था. पीएम मोदी पर आरोप था कि महाराष्ट्र के वर्धा में 1 अप्रैल को एक चुनावी भाषण में उन्होंने सेना के नाम पर वोट मांगा था. इसके बाद उस मामले में उनके खिलाफ शिकायत की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा आदर्श आचार संहिता का कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले में कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की याचिका पर मंगलवार को निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा था. याचिका में आरोप लगाया गया था कि इन दोनों नेताओं ने कथित रूप से नफरत फैलाने वाले भाषण देकर और ‘राजनीतिक प्रचार’ में सैन्य बलों का उपयोग करके आचार संहिता का उल्लंघन किया.
कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आयोग इस मामले में आवश्यक आदेश पारित करने के लिए स्वतंत्र है. अदालत इस मामले पर गुरुवार को फिर से सुनवाई करेगी. वर्धा में पीएम मोदी ने वायनाड से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा था.
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर वोट-बैंक की राजनीति करने के लिए ‘हिंदू आतंक’ शब्द को उछालने और करोड़ों हिंदुओं को आतंकवादी की तरह पेश कर उनकी भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया. मोदी ने कहा था, ‘हमारे 5,000 वर्ष पुराने संस्कृति में, यह पहली बार है कि कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने शांतिपूर्वक रहने वाले हिंदुओं को आतंवादी कहने का पाप किया और पूरी दुनिया के सामने उनकी छवि धूमिल करने का काम किया.’