नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग ने 28-29 नवम्बर, 2019 को नई दिल्ली के यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया में 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सिविल सोसाइटी संगठनों और महाराष्ट्र और हरियाणा के राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स के लिए चुनाव साक्षरता क्लब (ईएलसी) पर 2 दिवसीय कार्यशाला/ अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन किया। लोकसभा चुनाव 2019 के बाद, मतदाता जागरूकता के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले सिविल सोसाइटी संगठनों से प्रतिक्रिया लेने और ईएलसी के माध्यम से मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए इस कार्यशाला को आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।
इस कार्यशाला में देश भर से आए 53 प्रतिभागियों ने भाग लिया और प्रत्येक सदस्य को अपने हाल के चुनावों के अपने क्षेत्रीय अनुभवों का आकलन, प्रतिक्रिया और उन्हें साझा करने का अवसर मिला। इन सामूहिक अनुभवों के विवरण को चुनाव आयुक्त श्री सुशील चंद्र और महासचिव श्री उमेश सिन्हा सहित आयोग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी के साथ सांझा किया गया।
चुनाव आयुक्त श्री सुशील चंद्र ने प्रतिभागियों को उनके क्षेत्र में किए गए प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हें लोकतंत्र के लिए स्वेच्छा से किए गए कार्यों और योगदान के बारे में सुनकर अत्यंत प्रसन्न्ता का अनुभव हुआ। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक मतदान विभिन्न हितधारकों के द्वारा किए जा रहे निरंतर प्रयासों का ही परिणाम होता है। उन्होंने कहा कि एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के पश्चात भी, वर्तमान चुनौतियों का समाधान निरंतर प्रयासों के माध्यम से ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि युवा ऊर्जा के भंडार हैं और विद्यालयों के छात्र सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमारे सबसे युवा मतदाता हैं। कॉलेज ईएलसी को छात्रों को मतदान की जिम्मेदारियों के महत्व के प्रति उनकी भूमिका को सशक्त बनाना चाहिए।
एक सीएसओ प्रतिभागी अपने कार्य को आयोग के समक्ष प्रस्तुत करता हुआ
उन्होंने कहा कि देश के सभी मतदान बूथों में यह संदेश जाना चाहिए कि इंक का अत्यधिक महत्व है और इसे लोगों की भाषा में वितरित किया जाना चाहिए। उन्होंने सीएसओ भागीदारों से समस्याओं की पहचान करने और आगामी चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए आयोग को अपने सुझाव देने का आग्रह किया।
कार्यशाला के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए महासचिव श्री उमेश सिन्हा ने कहा कि चुनावी साक्षरता क्लबों की स्थापना के माध्यम से, हम एक ऐसा बीज रोपने की कोशिश कर रहे हैं जो बढ़ने के साथ-साथ चुनावी अज्ञानता के अंधेरे को दूर करने के लिए चुनावी जागरूकता के दीपक के रूप में कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का आधार होते हैं और लोकतंत्र की स्थापना में हर मतदाता ईंट की तरह होता है। मतदान करने का आपका अधिकार केवल एक अधिकार ही नहीं है, अपितु यह समान रूप से एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है जो राष्ट्र निर्माण में योगदान देती है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि लोग पर्याप्त रूप से अपनी इस जिम्मेदारी का अहसास करें और हर चुनाव में भाग लें। श्री उमेश सिन्हा ने एसवीईईपी प्रभाग को सीएसओ और अन्य प्रतिभागियों द्वारा दी गई प्रतिक्रियाओं और सुझावों को संकलित करने और आयोग के विचारार्थ प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।