मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार ने आज दिव्यांगजन अधिकारिता विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी), सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के साथ आयोजित एक परामर्श बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें डीईपीडब्ल्यूडी द्वारा भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के साथ साझेदारी करने के लिए एक प्रस्तुति दी गई, ताकि समावेशी, सुगम और सहभागी चुनाव कराने के ईसीआई के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए संस्थागत सहयोग को मजबूत किया जा सके।
इस बैठक के दौरान मतदान केंद्रों पर बुनियादी ढांचागत सुविधाएं बढ़ाने के लिए सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई, जिनमें सुगम शौचालय, स्पर्श करने योग्य टाइलें एवं अस्थायी सहारा, लक्षित कदमों एवं संपर्क (आउटरीच) बढ़ाने के लिए उपलब्ध डेटा का आदान-प्रदान करना, उपयुक्त आउटरीच सामग्री तैयार करना, राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों एवं इस क्षेत्र में काम कर रहे सीएसओ/एनजीओ के साथ हितधारकों का जुड़ाव सुनिश्चित करना, चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण शामिल हैं।
सीईसी श्री राजीव कुमार ने अपने व्यापक विजन को साझा करते हुए पंजीकरण से लेकर मतदान तक और दिव्यांगजनों को उनकी सक्रिय साझेदारी के साथ-साथ भागीदारी के लिए प्रेरित करने तक की संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया के परिवेश में एक नया सामान्य माहौल सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया। श्री कुमार ने कहा कि मतदान क्षेत्रों एवं केंद्रों को और भी अधिक दिव्यांगजन अनुकूल बनाने के लिए ईसीआई द्वारा किए जा रहे प्रयासों में सहयोग देने के लिए दिव्यांगजन अचीवर्स के साथ-साथ डीईपीडब्ल्यूडी द्वारा सुझाए गए प्रशिक्षित व्यक्तियों को साझेदारों के रूप में जोड़ा जाएगा। सीईसी ने दिव्यांगजनों के प्रति नजरिए और व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता पर विशेष जोर देने के लिए अपने विद्यार्थी जीवन के दिनों के अपने अनुभवों को दोहराया और कहा कि मतदान कर्मियों को संवेदनशील बनाने के लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आम धारणा के विपरीत दिव्यांगजन वास्तव में कहीं अधिक सक्षम होते हैं और उनमें आंतरिक इंद्रियों का जो विकास होता है वह अक्सर उनकी राह में मौजूद बाधाओं से कहीं अधिक होता है। सीईसी ने यह भी उल्लेख किया कि मतदाता सूची में दिव्यांगजनों का शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को गहन प्रयास करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
इस बैठक को संबोधित करते हुए चुनाव आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडेय ने सीएसओ, गैर सरकारी संगठनों एवं राष्ट्रीय संस्थानों, डीईपीडब्ल्यूडी से जुड़ी फील्ड इकाइयों के साथ साझेदारी विकसित करने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया, ताकि दिव्यांगजनों से संपर्क करने और चुनाव प्रक्रिया में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ईसीआई के मौजूदा प्रयासों में और ज्यादा तेजी लाई जा सके। उन्होंने कहा कि चुनाव अधिकारियों का प्रशिक्षण और उन्हें संवेदनशील बनाना और सुगम आउटरीच सामग्री तैयार करना और लक्षित आउटरीच के लिए डीईपीडब्ल्यूडी के पास उपलब्ध डेटाबेस का उपयोग करना समय की मांग है।
.सचिव, डीईपीडब्ल्यूडी सुश्री अंजलि भवरा ने आयोग के समक्ष एक विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत अनिवार्य कानूनी प्रावधानों, शिकायत निवारण के लिए सुगम्य भारत ऐप जैसे आईटी एप्लीकेशंस सहित डीईपीडब्ल्यूडी की विभिन्न पहलों, विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र के लिए दिव्यांगजनों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करने और दिव्यांगजन अधिकारिता विभाग की प्रमुख योजनाओं पर प्रकाश डाला गया।
इस दौरान उप चुनाव आयुक्त श्री नितेश व्यास ने भी एक प्रस्तुति दी जिसमें दिव्यांगजनों के लिए आरपी अधिनियम एवं चुनाव संचालन नियम 1961 के विभिन्न कानूनी प्रावधानों, और ईसीआई की विभिन्न पहलों जैसे कि ब्रेल में वोटर एपिक एवं ईवीएम पर ब्रेल की विशेषताओं, पीडब्ल्यूडी ऐप मैपिंग, डाक मतपत्र के माध्यम से घर पर मतदान की सुविधा, परिवहन की सुविधा, मतदाता सूची के विशेष सार संशोधन के दौरान दिव्यांग मतदाताओं के नामांकन पर विशेष ध्यान, हितधारकों की सहभागिता, महत्वपूर्ण बैठकों में सांकेतिक भाषा के दुभाषिए, और आने वाले वर्षों में सुगम्य चुनाव सुनिश्चित करने के लिए दिव्यांगता समन्वयकों की विशेष आवश्यकता के बारे में बताया गया।
इस बैठक के दौरान ईसीआई और डीईपीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। निदेशक, राष्ट्रीय दृष्टिबाधितजन अधिकारिता संस्थान और भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के प्रतिनिधि भी इस बैठक में शामिल हुए। आज की बैठक की एक अनूठी विशेषता सीईसी श्री राजीव कुमार द्वारा क्षमता निर्माण के लिए पहल करने के साथ-साथ ईसीआई के दो दिव्यांग कर्मचारियों को इस बैठक की कार्यवाही का संचालन करने के लिए प्रोत्साहित करना था।