देहरादून: प्रदेश के शिक्षा मंत्री, मंत्री प्रसाद नैथानी ने आज विधान सभा स्थित सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने अपर मुख्य सचिव एस0 राजू, को निर्देश दिये कि विकासखण्डवार राजीव गांधी अभिनव विद्यालय प्रारम्भ किये जाने की योजना के अन्तर्गत प्रथम चरण में स्वतन्त्रता दिवस से पहले प्रस्तावित चार विद्यालयों के संचालन की कार्यवाही आरम्भ की जाय। प्रदेश में अतिथि शिक्षकों (गेस्ट टीचर) की भर्ती प्रक्रिया के लिए भी उन्होंने एक सप्ताह के अन्दर विकासखण्ड स्तर पर कार्यवाही को गति देने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी किसी भी विद्यालय में नहीं होनी चाहिए।
शिक्षा मंत्री श्री नैथानी ने कहा कि 19 अगस्त 2015 को नई दिल्ली में सेन्ट्रल एडवाईसरी बोर्ड आॅफ एजूकेशन (कैब) की बैठक में उत्तराखण्ड के शिक्षा सम्बन्धी बिन्दुओं को रखा जाएगा, जिसमें संविदा के तहत कार्यरत कार्मिकों के वेतन, विद्यालयों के जर्जर भवनों की मरम्मत के प्रस्ताव तथा राज्य को विशेष दर्जा के तहत् 90ः10 के अनुपात में धनराशि जारी करने हेतु प्रस्ताव पेश किया जाएगा। रमसा व सर्व शिक्षा अभियान के तहत् संचालित योजनाओं में की गयी कटौती के मुद्दे पर भी केन्द्र सरकार के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से रखा जाएगा। शिक्षा मंत्री ने अपर मुख्य सचिव से पूर्व में केन्द्र को भेजे गये प्रस्तावों के बारे में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों से सम्पर्क करने के निर्देश दिये। बैठक में उन्होंने प्राथमिक तथा माध्यमिक स्तर पर विद्यालय भवनों की मरम्मत के साथ ही जर्जर विद्यालय भवनों को सुधारने के निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए सरकारी स्तर पर यदि अपेक्षित धन की कमी आड़े आती हो तो इसके लिए काॅरपोरेट सेक्टर का सहयोग लेकर कार्य किया जाय।
शिक्षा मंत्री श्री नैथानी ने अधिकारियों को विद्यालयी शिक्षा के अन्तर्गत आनिवार्य एवं अनुरोध के आधार पर किये गये स्थानान्तरण एवं अतिरिक्त पदों के समायोजन के सापेक्ष शिक्षकों द्वारा दिये गये अपीलीय प्रत्यावेदनों का एक सप्ताह के अन्दर निस्तारण करने के निर्देश दिये गये और कहा यदि आवश्यक हो तो दुर्गम क्षेत्र में शिक्षकों के स्थानान्तरण हेतु अनुरोध के आधार पर स्थानान्तरण की सीमा बढ़ाने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा जाय, साथ ही पारस्परिक स्थानान्तरण हेतु प्राप्त प्रस्तावों पर नियमावली के सापेक्ष कार्यवाही की जाय। एस0सी0आर0टी0 तथा डायट में पूर्ण योग्यताधारी तथा शोध कार्य में अनुभव रखने वाले कार्मिकों की पदस्थापना की जाय। शिक्षा अधिकारियों को तत्काल स्थानान्तरित स्थलों पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिये गये। महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, इसकी समीक्षा करेंगे। शिक्षा आचार्यों, डी0पी0एड0 प्रशिक्षितों तथा पूर्व व्यावसायिक शिक्षकों के प्रकरणों का तत्काल निस्तारण हेतु एक सप्ताह के अन्दर प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाय। प्रधानाचार्यों के पदों पर एक सप्ताह के अन्दर पदोन्नति
सुनिश्चित कर ली जाय। विद्यालयी शिक्षा के अन्तर्गत पाठ्य पुस्तकों के समयान्तर्गत प्रकाशन एवं गुणवत्ता तथा विद्यालयों में पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रभावी कार्य योजना प्रस्तुत की जाय उन्होंने हाल ही में शिक्षा अधिकारियों को तत्काल स्थानान्तरित स्थलों पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिये गये और महानिदेशक, विद्यालयी शिक्षा, को इसकी समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसे इण्टर काॅलेज जहां अभी तक विज्ञान वर्ग संचालित नहीं है, उनमें विज्ञान वर्ग की शिक्षा आरम्भ करने हेतु पद सृजन की कार्यवाही कर ली जाय।
शिक्षा मंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड की स्थानीय भाषाओं गढ़वाली, कुमांउनी तथा जौनसारी को प्रोत्साहन देने हेतु इन्हें पाठ्यक्रम में शामिल करने की कार्यवाही को अमली जामा पहनाया जाय और एस0सी0आर0टी0 इसके लिए शीघ्र पाठ्यक्रम तैयार कर प्रशिक्षण की व्यवस्था करें, इसके साथ ही उत्तराखण्ड की महान विभुतियों के नाम पर सरकारी शिक्षण संस्थानों के नाम परिवर्तित करने की कार्यवाही हेतु निर्देश दिये गये। शिक्षा मंत्री जी ने प्रदेश में शिक्षकों के त्रिस्तरीय ढांचे हेतु सभी शिक्षक संगठनों से वार्ता कर सर्वमान्य प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। उन्होनें कहां कि ऐसे विद्यालय जहां इण्टर कक्षाओं में विज्ञान वर्ग की मान्यता नहीं है उनमें विज्ञान वर्ग की मान्यता तथा पद सृजन करने की कार्यवाही के निर्देश दिये गये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव एस0 राजू, सचिव शिक्षा एम0सी0 जोशी, सचिव बेसिक शिक्षा एवं महानिदेशक सेंथियल पाण्डियन, अपर सचिव श्रीमती ऊषा शुक्ला, निदेशक माध्यमिक आर0 के0 कुंवर, निदेशक (प्रारम्भिक) श्रीमती सीमा जौनसारी, निदेशक अकादमिक श्रीमती कुसुम पंत, अपर शिक्षा निदेशक एन0के0 बहुगुणा, एम0एस0 बिष्ट तथा उपसचिव सुश्री महिमा आदि उपस्थित थे।