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शिक्षा गुणवत्तापूर्ण राष्ट्र के विकास में सहायक: डा0 दिनेश शर्मा

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता का मूल्यांकन राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (छ।।ब्) से तथा आगामी परीक्षाओं को शुचितापूर्ण ढंग से सम्पादित कराने के लिए उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में आज यहां योजना भवन के कक्ष संख्या-111 में उप मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

   डॉ दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि जिन विश्वविद्यालयों एवं उनसे संबद्ध राजकीय महाविद्यालयों एवं अशासकीय महाविद्यालयों का नैक मूल्यांकन हो चुका है वह बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि नैक संस्था से उच्च शिक्षण संस्थाओं के । ग्रेड में मूल्यांकन प्राप्त करने के लिए अति आवश्यक है कि शिक्षण संस्थाएं नैक द्वारा निर्धारित मूल्यांकन मापदंड के आधार पर तैयारी करके उच्चतम ग्रेड प्राप्त करने के प्रयास करें। इसके साथ ही उप मुख्यमंत्री ने ऐसे विश्वविद्यालयों से जिन्होंने अभी तक एक बार भी नैक मूल्यांकन नहीं कराया है उसका कारण पूछा और मूल्यांकन ना कराए जाने को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होती है। उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे समस्त विश्वविद्यालय जिन्होंने एक बार भी मूल्यांकन नहीं कराया है वे जल्द से जल्द नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दें। उन्होंने कहा कि समस्त विश्वविद्यालय अपने संबद्ध समस्त राजकीय महाविद्यालयों एवं अशासकीय महाविद्यालयों का भी नैक मूल्यांकन कराया जाना सुनिश्चित करें।

डॉ दिनेश शर्मा ने निर्देश दिया कि सभी विश्वविद्यालय अपने संबद्ध केवल उन्हीं महाविद्यालयों को नए कोर्स शुरू करने के लिए मान्यता दें जो नैक से मूल्यांकन कराया जाना सुनिश्चित करें। प्रदेश की उच्च शिक्षण संस्थाओं में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिये गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान किया जाना शासन का दायित्व है और इसके लिये हम कृतसंकल्प हैं।

      उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की उच्च शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा की गुणवत्ता का मूल्यांकन राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ;छ।।ब्द्ध से कराया जाना राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। शिक्षा की गुणवत्ता राष्ट्र के विकास में सहायक होती है, इसलिये उच्च शिक्षण संस्थाओं के शैक्षिक वातावरण को उच्च स्तर तक पहुँचाने के लिये विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर पर सत्त प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता का मूल्यांकन अत्यंत वैज्ञानिक विधि से नैक द्वारा किया जाता है। जिन शिक्षण संस्थाओं की ग्रेडिंग उच्च कोटि की होगी, निःसंदेह उनकी गुणवत्ता स्वमेव सिद्ध होगी। यद्यपि हमारी उच्च शिक्षण संस्थायें नैक मूल्यांकन में अच्छी ग्रेडिंग प्राप्त कर सकती हैं, यदि उनके द्वारा सार्थक प्रयास करके समयबद्ध कार्यक्रम के आधार पर नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया पूर्ण की जाय।

   मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश श्री आरके तिवारी ने इस अवसर पर बताया कि प्रदेश के 19 राज्य विश्वविद्यालयों में से 08 विश्वद्यिालय नैक संस्था से मूल्यांकित हैं, जिनमें 01 विश्वविद्यालय “ए” ग्रेड में, 06 “बी” ग्रेड में, 01 “सी” ग्रेड में मूल्यांकित हैं। इस प्रकार 11 राज्य विश्वविद्यालय नैक से मूल्यांकित होने हैं, जिन्हें इस दिशा में त्वरित कार्यवाही की जानी अपेक्षित है। प्रदेश में 159 राजकीय महाविद्यालय है, जिनमें से 33 महाविद्यालय “बी” ग्रेड में, 07 “सी” ग्रेड में मूल्यांकित हैं। राजकीय महाविद्यालयों में 126 का नैक मूल्यांकन होना शेष है। इनके द्वारा इस दिशा में तत्काल प्रभावी कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है। 331 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में से 85 नैक मूल्यांकित हैं, जिनमें 13 “ए” ग्रेड में, 56 “बी” ग्रेड में तथा 16 “सी” ग्रेड में मूल्यांकित हैं तथा शेष 246 महाविद्यालय को नैक मूल्यांकन के लिए तत्काल प्रक्रिया प्रारम्भ कर देनी चाहिए। जो महाविद्यालय “सी” ग्रेड में मूल्यांकित हैं उन्हें “ए” ग्रेड में मूल्यांकन हेतु सार्थक प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। 27 निजी विश्वविद्यालयों में से 08 नैक मूल्यांकित हैं, इनमें 03 “ए” ग्रेड में तथा 05 “बी” ग्रेड में मूल्यांकित हैं तथा शेष 19 निजी विश्वविद्यालयों को भी “ए” ग्रेड में मूल्यांकन हेतु कार्यवाही करने की आवश्यकता है। प्रदेश में 6531 स्वावित्तपोषित महाविद्यालयों के सापेक्ष 306 महाविद्यालय नैक से मूल्यांकित हैं, जिनमें से 35 “ए” ग्रेड में, 241 “बी” ग्रेड  एवं 30 “सी” ग्रेड में मूल्यांकित हैं। इस प्रकार जो शेष स्ववित्तपोषित उच्च शिक्षण संस्थायें हैं, उन्हें अपनी गुणवत्ता प्रमाणित करने के लिए नैक से मूल्यांकन के लिये निरन्त प्रयास करते रहना चाहिए।

नैक एडवाइजर, डॉ के० रमा ने इस अवसर पर कहा कि सभी विश्वविद्यालयों के लिए नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य है। इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है। नैक मूल्यांकन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। पूरी तैयारी के साथ नैक मूल्यांकन प्रपत्र ऑनलाइन प्रस्तुत किया जाए। नैक कराने हेतु  7 मापदंडों का निर्धारण किया गया है उसी के हिसाब से पूरी तैयारी की जाए। नैक  (छ।।ब्द्ध संस्था से उच्च शिक्षण संस्थाओं के ।.ळतंकम में मूल्यांकन प्राप्त करने के लिये अतिआवश्यक है कि शिक्षण संस्थायंे, नैक द्वारा निर्धारित 07 मूल्यांकन मापदण्ड ब्नततपबनसंत ।ेचमबजेए  ज्मंबीपदह स्मंतदपदह ंदक म्अंसनंजपवदए त्मेमंतबी ब्वदेनसजंदबल ंदक म्गजमदेपवदए प्दतिंेजतंबजनतम ंदक स्मंतदपदह त्मेवनतबमेए ैजनकमदज ैनचचवतज ंदक च्तवहतमेेपवदए ळवअमतदंदबम ंदक स्मंकमतेीपच ंदक प्दवअंजपअम च्ंतबजपबमे के आधार पर तैयारी करके “ए” ग्रेड प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।

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