लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि शिक्षा मनुष्य के समग्र विकास की आधारशिला है। शिक्षित व्यक्ति ही सभ्य समाज का निर्माण कर सकता है। शिक्षण संस्थाओं को समाज-सापेक्ष शिक्षा प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रमों को अधिकाधिक व्यावहारिक एवं समाज-सापेक्ष बनाकर रचनात्मक गतिविधियों से जोडं़े। कोई भी संस्था अपनी पहचान तभी बना पायेगी जब वह समाज सापेक्ष शिक्षा प्रदान करेगी। स्वच्छ भारत मिशन को शिक्षण अभियान से जोड़ा जाये।
मुख्यमंत्री जी ने यह उद्गार गोरखपुर स्थित दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समापन समारोह तथा गोरक्षनाथ साहित्यिक केन्द्र के लोकार्पण के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। इस मौके पर उन्होंने महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने महाविद्यालय की पत्रिका ‘अरावली’ एवं स्मारिका का विमोचन किया। उन्होंने ‘बौद्ध शिक्षा की वैश्विक प्रासंगिकता’ पुस्तक का भी विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने सप्ताह भर चलीं प्रतियोगिताओं जैसे रंगोली, भाषण, निबंध, लोकगीत, गायन और समसामयिक विषयों पर आयोजित प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार वितरित किये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी संस्था के लिए स्वर्ण जयंती वर्ष काफी महत्व रखता है। स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के तहत महाविद्यालय में एक सप्ताह के दौरान अनेक रचनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसके लिए उन्होंने महाविद्यालय के शिक्षकों, छात्राओं और प्रबन्धकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लोगों को आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने के लिए उन्हें शासन द्वारा लागू योजनाओं से अवगत कराया जाये। शिक्षा ग्रहण करने के दौरान ही बच्चों को अपने लक्ष्य निर्धारित कर लेने चाहिए, ताकि सभ्य समाज की स्थापना हेतु अपने रचनात्मक दृष्टिकोण दे सकंे। महापुरूषों के कृत्यों से प्रेरणा लेकर उनके आदर्शों और मूल्यों को जीवन में अपनाकर कार्य करना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग,
नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो0 धीरेन्द्रपाल सिंह ने कहा कि महाविद्यालय द्वारा एक सप्ताह से बहुआयामी गतिविधियों से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें अनेक प्रतियोगिताएं, चिंतन आदि सम्पन्न हुए। उन्होंने विजयी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए महाविद्यालय के विकास एवं विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मुख्य अतिथि ने कहा कि देश की मूल चेतना आध्यात्मिक है, समग्र शिक्षा विकसित करना आवश्यक है। विकास के लिए शिक्षा का विशेष महत्व है। उत्तर प्रदेश अच्छे दौर से गुजर रहा है, प्रगति की रफ्तार तेज है तथा विकास की ओर निरन्तर अग्रसर है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में आई.आई.टी. बी.एच.यू. के श्री बी0 रामानाथन एवं प्रो0 उदय प्रताप सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। आभार ज्ञापन महाविद्यालय के प्रचार्य डाॅ0 शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने किया।
इस मौके पर विद्यार्थीगण, विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के आचार्यगण तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।