देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उच्चीकृत विद्यालयों में शीघ्र शिक्षकों के पद सृजित कर शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही विधानसभा वार विद्यालयों के उच्चीकरण प्रस्तावों की सूची तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है। उन्होंने अधिक से अधिक विद्यालयी भवनों का शीघ्रता से निर्माण हो सकें, इसके लिये विभागाध्यक्षों को पूर्व में निर्धारित वित्तीय सीमा को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किये जाने के भी निर्देश दिये है।
गुरूवार को देर सायं शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री श्री रावत ने निर्देश दिये कि प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में नियुक्त होने वाले उर्दू, बंगला व पंजाबी शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी कार्यवाही आगामी तीन दिन में सुनिश्चित की जाए। इस संबंध में कार्मिक व वित्त विभाग के स्तर से जो भी कार्यवाही होनी है, वह भी इसी अवधि में पूरी कर दी जाए। उन्होंने इस संबंध में हो रहे विलम्भ के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए 130 अध्यापकों की शीघ्र नियुक्ति के भी निर्देश दिए। उन्होंने विद्यालयों के नामकरण की प्रक्रिया में भी तेजी लाने को कहा। इसमें अनावश्यक विलम्भ न हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए। विद्यालयी भवनों के लिए 2 करोड़ से अधिक के प्रस्तावों को नाबार्ड से वित्त पोषित किये जाने की प्रक्रिया भी शीघ्र पूरी हो। विद्यालयों के भवनों के निर्माण से संबंधित प्रस्तावों की प्रशासकीय स्वीकृति भी शीघ्र जारी की जाए। उन्होेंने शिक्षक संगठनों की मांगों पर बनी सहमति से संबंधित प्रस्तावों के क्रियान्वयन में भी तेजी लाने, 96 प्रवक्ताओं की पदोन्नति से संबंधित प्रकरणों का एक सप्ताह के अन्दर निस्तारण करने को कहा। उन्होंने पं.गोविन्द बल्लभ पंत इण्टर मीडिएट काॅलेज, चकरपुर खटीमा के प्रान्तीयकरण की कार्यवाही अविलम्भ सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने तकनीकी शिक्षा के अन्तर्गत आई.टी.आई. व पाॅलिटैक्निक भवनों के भी प्रशासकीय स्वीकृतिया शीघ्र जारी करने को कहा। इसके लिये भूमि आवंटन आदि प्रक्रियाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण किया जाए। पिथौरागढ़, कोटद्वार व भगवानपुर में स्थापित होने वाले मेडिकल काॅलेजों के साथ ही हरिद्वार व टिहरी नर्सिंग काॅलेजों का शीघ्र शिलान्यास करने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री श्री रावत ने दिये है। उन्होनंे पर्वतीय क्षेत्रों में पीपीपी मोड में मेडिकल काॅलेज आदि की स्थापना के लिये भी विज्ञापन जारी करने को कहा। कम खर्च वाले मेडिकल काॅलेजों व काॅमन मेडिकल फेसिलिटी जैसी योजनाओं के लिये भारत सरकार से पत्राचार पर भी ध्यान देने की बात उन्होंने कही।
बैठक में मुख्य सचिव एस.रामास्वामी, अपर मुख्य सचिव डाॅ.रणवीर सिंह, सचिव आनन्द वर्द्धन, डी.एस.गब्र्याल, अमित नेगी, पंकज पाण्डे, रंजना आदि उपस्थित थे।