लखनऊ: प्रदेश के नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने नगरीय निकायों में नागरिक सुविधाओं को बढ़ाने तथा साफ-सफाई की प्रभावी व्यवस्था करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि मानसून के आने से पहले ही पानी के निकास की अभी से पूर्ण तैयारी कर ली जाए। सभी नाली-नालों की बेहतर सफाई की जाए, जिससे जलभराव की समस्या ना बने।
नगर विकास मंत्री आज नगरी निकाय निदेशालय में अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने नगर निकायों में विगत 01 माह से चलाए जा रहे विशेष सफाई अभियान, सौन्दर्यीकरण तथा कायाकल्प कार्यों की समीक्षा की और चल रही योजनाओं की जमीनी हकीकत जानी। उन्होंने कई स्थानों पर चल रहे कार्यों को भी ऑनलाइन देखा तथा कार्य में तेजी लाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
नगर विकास मंत्री ने कहा कि मानसून आने से पहले ही पानी निकासी की बेहतर व्यवस्था कर ली जाए। इसके लिए सभी नाले-नालियों की पूर्ण सफाई की जाए। जमा सिल्ट की निकासी के साथ चोक करने वाले पदार्थों को पूरी तरह से हटाया जाए। उन्होंने नियमित रूप से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, कूड़ा उठान एवं इसके निस्तारण की प्रभावी व्यवस्था के साथ सीवर सफाई व नागरिकों को साफ पेयजल की आपूर्ति हो, इस पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने चल रहे कार्यों की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए सभी नगर आयुक्तों, अधिशासी अधिकारियों को अपना मोबाइल नंबर 24ग7 चालू रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने गलियों/पार्कों/सड़कों/फुटपाथों की नियमित सफाई करने तथा इनके सौन्दर्यीकरण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
श्री ए.के. शर्मा ने कहा कि शहरों को सुंदर बनाने के लिए 60 दिवसीय विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान 12 सूत्री कार्यक्रम के तहत सुंदरीकरण एवं सुविधाओं को लेकर विभिन्न कार्य कराए जा रहे हैं। उन्होंने नगरों की शोभा बढ़ाने व हरियाली के लिए सभी खाली जगहों पर पौधों के रोपण तथा हरी घास लगाने पर भी बल दिया। उन्होंने इन सभी कार्यों के लिए सामाजिक संस्थाओं/स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाओं से भी संपर्क कर उनका सहयोग लेने का आग्रह किया। उन्होंने नगरीय एवं नगरपालिका क्षेत्रों में संचालित संस्थानों की शैक्षिक गुणवत्ता एवं व्यवस्था को बढ़ाने पर बल दिया, जिससे कि समाज में एक बेहतर माहौल का निर्माण हो सके।
बैठक में प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभिजात, विशेष सचिव श्री इन्द्रमणि त्रिपाठी, निदेशक श्रीमती शकुंतला गौतम सहित प्रदेश के सभी जिलों से लगभग 800 अधिकारी/कर्मचारी वर्चुअली शामिल रहे।