नई दिल्ली: केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री श्री हरदीप पुरी ने कहा है कि भारत के शहरी क्षेत्र सबके लिए आवास की उपलब्धता, बेहतर सेवाएं, तकनीक आधारित समाधान, सुगम और हरित परिवहन व्यवस्था,कुशल प्रशासन और कम संसाधनों में कुछ बेहतर करने जैसी चुनौतियों से जूझ रहे हैं।
परियोजना प्रबंधकों के वैश्विक सम्मेलन 2018 को संबोधित करते हुए श्री पुरी ने कहा कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी योजनाएं बनाने की जरूरत है ताकि सोच को हकीकत में बदला जा सके। उन्होंने कहा कि परियोजना प्रबंधन के लिए पेशेवर दृष्टिकोण जरूरी है। समूची प्रक्रिया पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से चलाई जानी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का शहरीकरण कार्यक्रम दुनिया का सबसे बड़ा नियोजित कार्यक्रम है, लेकिन इसके बावजूद देश के शहरी क्षेत्रों में 2030 तक 70 प्रतिशत नई आधारभूत संरचनाओं की आवश्यकता होगी। श्री पुरी ने कहा कि देश की आबादी का 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शहरों में बसता है, जबकि आजादी के समय 1947 में शहरों में केवल 17 प्रतिशत लोग ही रहते थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाए गए प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए 2022 तक 1 करोड़ 10 लाख मकान तैयार करना है। सबके लिए किफायती दरों पर आवास सुनिश्चित करने वाला यह दुनिया का सबसे बड़ा आवासीय कार्यक्रम है।
श्री पुरी ने कहा कि भारत 100 स्मार्ट शहर बनाने की ओर भी बढ़ रहा है। इसका उद्देश्य शहरी आधारभूत संरचना को मजबूत बनाना है। देश के 100 शहरों में अच्छी सड़कें, ठोस कचरा निपटान के बेहतर प्रबंधन, छतों पर सौर ऊर्जा पैनल और स्मार्ट स्कूल जैसी अवधारणाओं पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी कैसे होंगे यह आप दिसंबर 2018 तक हकीकत में देख पाएंगे। विभिन्न शहरों में इस दिशा में अलग-अलग स्तर पर काम चल रहा है।
शहरों से हो रहे विस्थापन पर श्री पुरी ने कहा कि एक लोकतांत्रिक देश में किसी को भी कहीं आने जाने से नहीं रोका जा सकता। विस्थापन के बढ़ते चलन से निपटने के लिए शहरों में मजबूत अवसंरचनाएं बनाना जरूरी हो गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई प्रौद्योगिकी शहरों में रहने वाले लेागों के लिए सरकार तक अपनी बात पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी। इसलिए इसे स्मार्ट सिटी मिशन में अहम स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्मार्ट सिटी में एक स्मार्ट सिटी सेंटर होगा, जिसे एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र के रूप में जाना जाएगा। शहरों के बारे में सभी तरह की जानकारी उपलब्ध कराने और प्रबंधन निगरानी का काम इन केंद्रों की ओर से किया जाएगा।