लखनऊ: प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री अनिल राजभर ने कहा कि पंक्ति के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाने के लिए मोदी एवं योगी सरकार पूरी तरह से संकल्पित है। देश व प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमंत्री जी के संकल्प को इस देश व प्रदेश का श्रमिक ही पूरा कर सकता है। श्रमिकों के जीवन में बदलाव लाये बिना देश, प्रदेश व समाज को आत्मनिर्भर नहीं बनाया जा सकता है। श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और उनके जीवन में परिवर्तन आये इसके लिए सभी अधिकारी पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करते हुए उन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुुंचायें।
श्रम मंत्री श्री अनिल राजभर आज इंदिरा गॉधी प्रतिष्ठान में श्रमिक विभाग द्वारा आयोजित श्रम कल्याण बोर्ड के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों एवं उनके पुत्र-पुत्रियों को योजनाओं का लाभ देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस दिवस को श्रमिकों के सम्मान में मजदूर दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। मोदी सरकार के प्रयासों से वर्ष 2014 के बाद श्रमिकों के जीवन में बदलाव आया है और उन्हें अनेक योजनाओं का लाभ मिला है। कोविड के दौरान भी श्रमिकों के जीवन में निराशा न आये इसके लिए उन्हें धनराशि देकर सहायता की गयी। प्रदेश में असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए योगी सरकार के प्रयासों से 08 करोड़ से ज्यादा श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टेªशन कराया है।
श्रम मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिया है कि मजदूरांे का पसीना न सूखे इसके पहले ही उनके पास उनका पैसा पहुंच जाए। इस पर गम्भीरता से कार्य किया जाये। उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदया ने भी आज राजभवन में श्रमिकों का सम्मान एवं स्वागत किया। उन्होंने सभी श्रमिकों को श्रमिक दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामना दी है। उन्होंने निर्माण कामगार मृत्यु एवं विकलांगता सहायता योजना में पात्र 20 श्रमिकों को 40 लाख रूपये, निर्माण कामगार अन्त्येष्ठि सहायता योजना में पात्र 20 श्रमिकों को 05 लाख रूपये, कन्या विवाह सहायता योजना में पात्र 07 लाभार्थियों को 3.85 लाख रूपये, संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत कक्षा-9, 10, 11 एवं 12वीं पास श्रमिक पुत्र-पुत्रियों को 7.76 लाख रूपये की 194 साइकिल वितरित किया। इस प्रकार कुल 241 लाभान्वित श्रमिकों को 56.61 लाख रूपये की धनराशि वितरित की गई।
विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित श्रम एवं सेवायोजन राज्यमंत्री श्री मनोहरलाल पंथ ’’मन्नू कोरी’’ ने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश की सरकार श्रमिकों के हितार्थ कार्य कर रही है। श्रमिकों का सम्मान बढ़ाने के लिए एवं उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की योजनाओं पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि श्रमिक बहुत परिश्रम करके अपने जीवन का निर्वहन कम संसाधन से करते हैं। जिसके लिए सरकार चिन्तित है। इस दौरान श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुनील भराला ने कहा कि श्रमिक विपरीत परिस्थितयों में भी मेहनत करता है और अपनी मेहनत के बल पर समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करता है। कारखानांे एवं निर्माण कार्यों में कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार की मंशा इनके जीवन में बदलाव लाने की है। इसके लिए दोनों सरकारों ने बहुत कार्य किया है और श्रमिकों को लाभ देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि 03 नवम्बर, 1996 को केन्द्र सरकार में संगठित मजदूरों के कल्याण के लिए कानून लागू हुआ था, जिसे प्रदेश में वर्ष 2008 के अंत में लागू किया गया। इसके बाद से ही उन्हंे योजनाओं से लाभान्वित करने का रास्ता साफ हुआ। उन्होंने बताया कि श्रम कल्याण परिषद 08 कल्याणकारी योजनायें संगठित श्रमिकों के लिए चला रही है। इस समय मृतक अन्त्येष्ठि के लिए पात्र को 01 लाख रूपये, पुत्रियों की शादी के लिए 55 हजार रूपये दिये जा रहे हैं। कार्यक्रम में सामाजिक सुरक्ष बोर्ड के अध्यक्ष श्री रघुराज प्रताप सिंह ने कहा कि श्रमिक देश का भाग्य विधाता है। श्रमिक के बगैर कोई कार्य नहीं हो सकता है। हमारी संस्कृति जीयों और जीने दो के सिद्धांत पर आधारित है, इसी संकल्प के साथ हम सभी को साथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों का उत्थान होगा तो देश का उत्थान होगा, समाज में उन्नति आयेगी। केन्द्र एवं प्रदेश की सरकारें श्रमिक के बेटे को भी अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर व वैज्ञानिक बनाने के लिए इनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए प्रदेश के प्रत्येक मण्डल में अटल आवासीय विद्यालय बनाये जा रहे हैं। उन्होंने सभी मजदूरों से अपील की, कि योजनाओं का लाभ लेने के लिए रजिस्टेªशन जरूर करवायें।
अपर मुख्य सचिव, श्रम एवं सेवायोजन श्री सुरेश चन्द्रा ने इस अवसर पर कहा कि दुनिया भर में श्रम शक्ति का सम्मान किया जाये, इसी के लिए आज के दिन श्रम दिवस मनाया जाता है। श्रमिकों के जीवन में खुशहाली आये और उनके आश्रितों को सम्मान जनक जीवन मिले इसके लिए श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उन्हें समय से पहुॅचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रमिक अपने हक एवं सम्मान के लिए 1886 में अमेरिका के शिकागो में मजदूर सम्मेलन किया। जिसके कारण 1889 में 01 मई को श्रम दिवस के रूप में मनाये जाने के लिए विश्व के 80 देशों ने मान्यता दी और 1923 से भारत में भी यह दिवस श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
इस दौरान श्रमायुक्त डॉ0 राजशेखर ने कहा कि श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए उनके जीवन को उन्नतिशील बनाने के लिए आज के दिन इस मंच का प्रयोग विचार के लिए किया गया। यह सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि किसान व मजदूर का विकास एवं हित संवर्धन करके ही देश एवं समाज का विकास किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मजदूरों ने अपने अधिकारों के लिए तथा कार्य के समय सीमा को 08 घंटे करने के लिए 136 वर्ष पहले अमेरिका में इसी दिन आन्दोलन किया था। इस अवसर पर बीओसी बोर्ड के सचिव श्री विपिन जैन ने कहा कि श्रमिकों ने ही अपने खून-पसीने की मेहनत से इस संसार को खूबसूरती से बनाया है। उन्होंने सभी श्रमिक भाईयों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से आच्छादित करने तथा सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का आवश्वासन दिया। लखनऊ क्षेत्र के अपर श्रमायुक्त श्री सरजू राम शर्मा ने श्रम विभाग की योजनाओं के बारे में बताया और कहा कि विभाग श्रमिकों के हितार्थ कार्य कर रहा है और उन्हें योजनाओं को समय से लाभ प्रदान कर रहा है। कार्यक्रम में उप श्रमायुक्त श्री शमीम अख्तर, श्री पंकज राणा, श्रीमती किरण मिश्र, सहायक श्रमायुक्त श्री एम0के0 पाण्डेय, श्रीमती शिप्रा चतुर्वेदी, श्रम पवर्तन अधिकारियों में श्री पवन कुमार, श्री मोहन लाल, श्री राधेश्याम, श्री संतोष एवं सुश्री नीलम के साथ लाभार्थी श्रमिक उनके पुत्र-पुत्री तथा कई संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।