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हिंदी को विदेश नीति और कूटनीति की भाषा बनाने की कोशिश शुरू, विदेश राज्यमंत्री ने दिया ये बयान

देश-विदेश

नई दिल्ली: विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की कि मंत्रालय के भीतर अधिकतर कामकाज हिंदी में करें जिससे इस भाषा को और बढ़ावा मिले. इसके साथ ही विदेश राज्य मंत्री ने राजनयिकों और विदेश सेवा के अधिकारियों से कहा कि वह अपने अनुभव हिंदी में किताब में लिखें जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग विदेश मंत्रालय के कामकाज को समझ सकें.

दिल्ली में विश्व हिंदी दिवस के आयोजन पर आज विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा कि दुनिया भर में लगातार हिंदी की पहुंच बढ़ रही है और इसको बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है. हर वर्ष 10 जनवरी को विदेश मंत्रालय हिंदी दिवस के तौर पर मानता है और आज 15वां विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है.

मुरलीधरन ने कहा कि विदेश मंत्रालय के विदेशों में कुल 66 अध्ययन पीठ हैं जिसमे 25 पीठ हिंदी की हैं जहां इस भाषा को विदेशों के हजारों बच्चे सीख रहे हैं. भारत सरकार हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकारने का प्रयास कर रही है और सरकार हिंदी भाषा को अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने को लेकिन प्रतिबद्ध है.

भारत के प्रयास का नतीजा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ हिंदी दिवस पर पिछले साल से अपने क्लाउड पर हिंदी में बुलेटिन प्रसारित कर रहा है. दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा में से एक हिंदी भाषा है और हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में आगे बढ़ाने का हर प्रयास किया जा रहा है. अब तीन साल में एक बार आयोजित होने वाले अंतराष्ट्रीय हिंदी दिवस आयोजन को कार्यमूलक परिणाम दाई बनाया जा रहा है.

विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है और इसके तहत ही विदेश मंत्रालय ने क्षेत्रीय भाषाओं और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा योजना शुरू की है. विदेश मंत्रालय आया प्रदेश के द्वार के तहत हिंदी और क्षेत्रीय भाषा मे प्रदेश की मीडिया से संवाद शुरू किया गया है. जिसका मकसद है कि नासिक देशवासी विदेश मंत्रालय के कामकाज को समझ सकें बल्कि हिंदी भाषा को और क्षेत्रीय भाषाओं को इसके तहत बढ़ावा भी मिले.

विदेश मंत्रालय के जवाहर भवन में आयोजित विश्व हिंदी दिवस में अफगानिस्तान के साहेब खान ने हिंदी में अपने अनुभव रखे और साहिब खान ने बताया कि किस तरह से भारत की संस्कृति महान है और किस तरह से भारतीय संस्कृति ने उसके जीवन को बदल कर रख दिया है. साहेब खान 10 महीने के लिए विदेश मंत्रालय के आगरा हिंदी केंद्र में हिंदी का अध्ययन करने के लिए आए हुए हैं.

मॉरीशस से भारत हिंदी सीखने के लिए आई रक्षिता ने भारतीय संस्कृति, सभ्यता और संस्कार को लेकर अपने विचार विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन के साथ साझा किए. रक्षिता ने बताया कि किस तरह से हर भारतीय के जीवन के संस्कार उसको आदर्श बनाते हैं और क्यों भारत को दुनिया संस्कृति के मामले में विश्व गुरु मानता है.

श्रीलंका से भारत आकर हिंदी सीख रही कोकिला ने कहा हिंदी सीखकर बेहतर तरीके से भारत को समझ पा रही हैं. भारतीय फिल्मों और भारतीयों गानों को वो बचपन से ही सुनती रही हैं. विदेश मंत्रालय अपने सभी पासपोर्ट केंद्रों में भी कामकाज के तरीके में हिंदी को बढ़ावा दे रहा है और इसके प्रोत्साहन के लिए हिंदी अवार्ड भी शुरू किए गए हैं.

इसी के तहत विदेश राज्यमंत्री मुरलीधरन ने रीजनल पासपोर्ट केंद्र भोपाल के अधिकारियों को सम्मानित किया. क केटेगरी में भोपाल पासपोर्ट ऑफिस को हिंदी को बढ़ावा देने के लिए पहला अवार्ड दिया, जबकि ख कैटेगरी में चंडीगढ़ के रीजनल पासपोर्ट सेंटर को चुना गया. जी कैटेगरी में रीजनल पासपोर्ट केंद्र बेंगलुरु को सम्मान दिया गया. यह तीनों ही पासपोर्ट सेंटर आंतरिक कामकाज हिंदी में करते हैं. लिहाजा हिंदी को बेहतर तरीके से बढ़ावा देने के लिए और आंतरिक कामकाज में इसके उपयोग के लिए विदेश मंत्रालय ने इन तीनों पासपोर्ट केंद्र को सम्मानित किया.

विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन ने कहा कि केंद्र सरकार का प्रयास सरकारी कामकाज में ज्यादा से ज्यादा हिंदी भाषा को उपयोग करने का है और इसीलिए यह प्रयास किया जा रहा है कि आने वाले दिनों में विदेश मंत्रालय की कूटनीति और कामकाज की भाषा हिंदी बने इसके लिए भारत सरकार गंभीरता से प्रयास कर रही है. Source Zee News

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