नई दिल्लीः भारत के निर्वाचन आयोग ने पूर्व सीईसी/ईसी के साथ बैठक की। बैठक में पूर्व सीईसी श्री एम.एस.गिल, जे.एम.लिंगदोह, टी.एस. कृष्ण मूर्ति, बी.बी. टंडन, डॉ. एस. वाई. कुरैशी, वी.एस. संपथ,एच.आर. ब्रह्मा, डॉ. नसीम जैदी और पूर्व निर्वाचन आयुक्त जीवीजी कृष्णमूर्ति शामिल हुए।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओ.पी.रावत, निर्वाचन आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा और श्री अशोक लवासा ने उपस्थित सभी सीईसी/ईसी का स्वागत किया। सभी आमंत्रित हस्तियों ने इस पहल के लिए आयोग की सराहना की और आशा व्यक्त की कि इस तरह का विचार-विमर्श नियमित रूप से जारी रहेगा।
विचार-विमर्श के दौरान चुनावी प्रबंधन के निम्नलिखित पहलुओं पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गयाः-
- इस बात पर चर्चा हुई कि ईवीएम/वीवीपैट का इस्तेमाल एक सराहनीय पहल है। सभी की राय थी कि इसके फायदों से मतदाताओं को शिक्षित करने के लिए जागरुकता कार्यक्रम का विस्तार किया जाना चाहिए। इससे इसके इस्तेमाल को लेकर किसी भी प्रकार के विवाद से बचा जा सकेगा।
- यह बात भी सामने आई कि प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषणों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे राजनीतिक माहौल खराब होता है। जनहित में इस तरह के भाषणों पर नियंत्रण करना अत्यन्त आवश्यक है।
- बैठक में चुनाव की अवधि के विश्लेषण पर भी चर्चा की गई ताकि चरणों की संख्या कम की जा सके। चरणों की संख्या कम होने से एमसीसी की अवधि कम होगी, जिसका अनेक चरण में होने वाले चुनावों पर असर पड़ता है।
- ईआरओ नेट की काफी सराहना हुई। हालांकि अन्य सफल लोकतंत्रों के मतदाता पंजीकरण के बारे में जानकारी प्राप्त करने के बाद मतदाताओं के पंजीकरण को और आसान बनाया जा सकता है।
बैठक के दौरान वरिष्ठ डीईसी श्री उमेश सिन्हा ने चुनाव संबंधी साक्षरता क्लबों, ईआरओ-नेट, आरओ-नेट, शिकायत निवारण प्रणाली आदि जैसी आयोग द्वारा की गई वर्तमान पहलों की जानकारी दी।