देहरादून: भारत में निर्वाचन प्रक्रिया का अवलोकन एवं अध्ययन करने हेतु 13 सदस्यीय विदेशी प्रतिनिधिमंडल मंगलवार 14 फरवरी, 2017 को देहरादून पहुंचा। यह प्रतिनिधिमंडल मतदान दिवस 15 फरवरी, 2017 को जनपद देहरादून के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के अन्तर्गत मतदान प्रक्रिया का अवलोकन करेंगे। इस 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल में बांग्लादेश से श्री तारीक अहमद एवं श्री साईद गोलम राशेद, इजिप्ट से श्री मो. आदेल रमजी एल शाॅरबगी, किरगीज रिपब्लिक से श्री उल मूर्जेव, नामिबिया से श्रीमती नोतेम्बा तिपूएजा, श्री उलरिच फ्रेयर, श्री निकोडिमस मिंग्लियस, सुश्री हेण्डरिना फ्रेंसिना एवं सुश्री जीनिया क्लेजन सहित रूस से श्री निकोले वी. लेवीचिव एवं श्री विस्वोलोड एन. पर्वाेचिकोव शामिल हैं।
अपने कार्यक्रमानुसार सचिवालय में मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में विदेशी प्रतिनिधिमण्डल के साथ भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2017 के लिये की गई तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गयी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रतूड़ी ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से कराये जाने हेतु बहुत से प्रभावी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि निर्वाचन हेतु मतदान में ई.वी.एम. मशीन एवं पोस्टल बैलेट पेपर का प्रयोग किया जाता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रतूड़ी ने बताया कि राज्य से सम्बन्धित ऐसे लोग जो राज्य से बाहर सेवाएं दे रहे हैं जैसे सैनिक आदि पोस्टल बैलेट के द्वारा अपना मतदान कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस बार प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्रों देहरादून से धर्मपुर, हरिद्वार से रानीपुर एवं उधमसिंह नगर में रूद्रपुर में वीवीपेट मशीन का उपयोग किये जाने की प्रक्रिया की अपनाई जा रही है। निर्वाचन आयोग द्वारा नये मतदाओं को मतदान हेतु जागरूक करने के लिये स्वीप कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत नुक्कड़ नाटक, स्कूलों में वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं रैलियों के माध्यम से मतदाओं को मतदान हेतु जागरूक किया जाता है ताकि देश के युवाओं की सहभागिता को बढ़ाया जा सके। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने हेतु राज्य के 13 जिलों में जिला निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किये गए हैं। इसके साथ ही प्रत्येक जिले में कन्ट्रोल रूम भी बनाए गए हैं। इसके साथ-साथ वीडियो निगरानी टीम, स्थैतिक निगरानी टीम एवं उड़न दस्ते भी बनाए गए हैं, जिनके द्वारा मतदाताओं को प्रलोभन देने वाली गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है।
रसियन प्रतिनिधिमण्डल द्वारा विकलांगजनों कि चिन्हीकरण एवं उन्हें मतदान दिलाने हेतु की गयी तैयारियों के लिये पूछे जाने पर बताया कि राज्य में समाज कल्याण विभाग द्वारा विकलांगों का चिन्हीकरण किया जाता है तथा उनके लिये मतदान स्थल पर रैम्प व व्हील चेयर आदि की व्यवस्था की जाती है। नेत्रहीनों के लिये ब्रेल की सुविधायुक्त ई.वी.एम मशीन का प्रयोग किया जाता है।
पर्यवेक्षक श्री आर.डी. नजीम ने बताया कि भारत जैसे अधिक जनसंख्या वाले देश में निर्वाचन को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष कराना एक बहुत बड़ी चुनौती है। प्रत्येक प्रत्याशी द्वारा किये जा रहे व्यय पर नजर रखी जाती है। साथ ही आदर्श आचार संहिता का भी ध्यान रखा जाता है। निर्वाचन को सुरक्षित तरीके से कराये जाने हेतु पुलिस एवं केन्द्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की जाती है। संवेदनशील क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर उन स्थानों पर माईक्रो आॅब्जर्वर नियुक्त किये जाते हैं।
सचिव पर्यटन सुश्री ईवा द्वारा प्रदेश के पर्यटन, तीर्थाटन एवं साहसिक पर्यटन पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। उन्होंने बताया कि पर्वतीय प्रदेश होने के कारण यहां पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। राज्य में धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में चारधाम यात्रा, कुम्भ सहित राष्ट्रीय पार्क एवं राफ्टिंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में होम स्टे प्रोजेक्ट के तहत पारंपरिक घरों में सैलानियों के रूकने की व्यवस्था भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि टिहरी झील को एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही झील में फ्लोटिंग हट्स भी तैयार किये गए हैं। इससे पूर्व प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय रेंजर काॅलेज में मतदान पार्टिंयों की रवानगी तथा ई.वी.एम. मशीनों का अवलोकन किया।
इस अवसर पर अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डाॅ. वी. षणमुगम तथा डाॅ नीरज खैरवाल, संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवनीत पाण्डे सहित विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से आए पर्यवेक्षक उपस्थित थे।