नई दिल्ली: चुनाव आयोग की ईवीएम मशीनों के प्रायोजित विवाद और एक तथाकथित साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा द्वारा किये गए प्रयासों के संदर्भ में तकनीकी विशेषज्ञ समिति (TEC) के सदस्यों – आईआईटी दिल्ली के प्रो. डीटी साहनी, आईआईटी, भिलाई के निदेशक प्रो. रजत मूना तथा आईआईटी, बॉम्बे के प्रो. डी.के.शर्मा ने चुनाव आयोग को आज पुनः इस तथ्य की पुष्टि की है कि –
1. ईसीआई-ईवीएम ऐसी पृथक वा स्वतंत्र मशीनें हैं जिन्हें सिर्फ केबल के माध्यम से ईसीआई-ईवीएम इकाइयों (मतपत्र इकाई, नियंत्रण इकाई और वीवीपैट) से जुड़ने के लिए ही डिजाइन किया गया है और जो पूरी तरह सार्वजनिक दृष्टि में रहते हैं।
ईसीआई-ईवीएम मशीनों में ऐसा कोई भी तंत्र नहीं है जिसमें किसी वायरलेस संचार या किसी रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से संपर्क स्थापित किया जा सके।
ईसीआई-ईवीएम के सभी संस्करणों की निम्न से उच्च वायरलेस फ्रीक्वेंसी पर नियमित रूप से और सख्ती के साथ जांच की जाती है। इन परीक्षणों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के मानक परीक्षणों के साथ साथ अन्य पृथक परीक्षण भी शामिल हैं।
2. ईसीआई-ईवीएम मशीनों को सभी प्रकार की परिचालन स्थितियों के अंतर्गत उचित कार्यशीलता के लिए नियमित रूप से जांचा-परखा जाता है।
3. ईसीआई-ईवीएम का कोड प्रमाणीकरण और सत्यापन के लिए नियमित रूप से परीक्षण किया जाता है।
सैयद शुजा ने वीवीपैट कागज की दोतरफा छपाई का जो आरोप लगाया जिसमें कथित तौर पर कागज कम छेड़छाड़ वाला प्रिंट बनाए रखता है और उसमें मतदाता द्वारा सत्यापित आगे की तरफ वाला प्रिंट मिट जाता है, के संदर्भ में तकनीकी विशेषज्ञों की समिति (टीईसी) ने स्पष्ट किया है कि वीवीपैट थर्मल प्रिंटर का इस्तेमाल करते हैं जो थर्मल कागज के सिर्फ एक तरफ ही प्रिंट कर सकते हैं। ये प्रिंट व्यू-विंडो के जरिए आसानी से देखा जा सकता है। ये प्रिंट वीवीपैट कागज पर कम से कम पांच वर्षों तक मौजूद रहते हैं।
ईवीएम की एकमात्र निर्माता-द्वय और अब वीवीपैट का भी निर्माण करने वाली भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशकों ने पुनः इस तथ्य की पुष्टि की है कि निर्माण के दौरान उनके द्वारा तकनीकी विशेषज्ञों की समिति द्वारा निर्धारित मानक परिचालन प्रक्रियाओं का बहुत सतर्कता से पालन और निरीक्षण किया जाता है।
यह पुनः स्पष्ट किया जा रहा है कि ईसीआई-ईवीएम मशीनें किसी भी अन्य मशीनों की तरह कलपुर्जों के काम नहीं करने पर खराब हो सकती हैं, लेकिन खराब होने की स्थिति में भी ईसीआई-ईवीएम किसी भी वोट को गलत तरीके से रिकॉर्ड नहीं करती है। इस तथ्य की पुनः पुष्टि की जा रही है कि ईसीआई-ईवीएम मशीनों के साथ छेड़छाड़ संभव नहीं है।
चुनाव आयोग ने नई दिल्ली जिले के डीसीपी के पास सैयद शुजा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (1)(बी) के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई है।