देहरादून: विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 42(5) मे निहित प्राविधानों के अधीन उपभोक्ताओं की विद्युत सम्बन्धी शिकायतों के निवारण हेतु राज्य के दोनो मण्डलों (कुमायूॅ एवं गढवाल) में उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच गठित हैं।
दिनांक 27.08.2015 को मंच के कार्यो की समीक्षा बैठक के दौरान मंच के सदस्यों द्वारा सुभाष कुमार, अध्यक्ष उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग के समक्ष वित्तीय वर्ष 2011-12 से वित्तीय वर्ष 2015-16 (माह जून 2015 तक) की अवधि की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी जिसमें उक्त अवधि में मंच को प्राप्त शिकायतों की प्रकृति एवं शिकायतों के निस्तारण की प्रगति इत्यादि संबंधित विवरण प्रस्तुत किये गये। उक्त विवरण के अनुसार विगत लगभग चार वर्षों की अवधि में दोनांे मण्डलों में गठित उक्त मंचों को कुल 2023 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें 1599 शिकायतें मंचों द्वारा निस्तारित की गयी। उक्त निस्तारित शिकायतों में 1209 शिकायतों में उपभोक्ताओं के पक्ष में निर्णय रहा है जो कि कुल निस्तारित शिकायतों का लगभग 76 प्रतिशत है।
मंचों को प्राप्त शिकायतों की श्रेणी की ब्यौरेवार समीक्षा के दौरान प्रकाश में आया कि उपभोक्ताओं द्वारा प्रस्तुत लगभग 70 प्रतिशत शिकायतें बिलिंग एवं मीटरिंग विषयक हैं तथा लगभग 10 प्रतिशत शिकायतें नये संयोजनों से संबंधित हैं जो कि वितरण अनुज्ञापी, यूपीसीएल के फील्ड अधिकारियों द्वारा आयोग के विनियमों/आदेशों के अनुपालन पर उदासीनता अथवा अवहेलना के फलस्वरूप जनित हैं।
उपरोक्त तथ्यों के परिपेक्ष में मंचों द्वारा निस्तारित शिकायतों में 76 प्रतिशत शिकायतों के निर्णय उपभोक्ताओं के पक्ष में होने का तात्पर्य यह है कि वितरण अनुज्ञापी यूपीसीएल की वर्तमान कार्यप्रणाली मीटरिंग एवं बिलिंग अथवा अन्य उपभोक्ता सेवाऐें उपलब्ध कराये जाने के लिए प्रभावी रूप से क्रियान्वित नहीं हैं, जिसमें उपभोक्ता हितों को देखते हुए तत्काल सुधार किये जाने की आवश्यकता है।
समीक्षा बैठक के दौरान मंच के सदस्यों द्वारा अध्यक्ष को यह भी अवगत कराया गया कि मंच को प्राप्त शिकायतों को यथासम्भव निर्धारित अवधि 60 दिनों के अन्दर निस्तारित किया जाता है तथापि कतिपय प्रकरणों में पक्षकारों द्वारा प्रमाणों के प्रस्तुतिकरण इत्यादि में समय लेने के कारण निर्णय विलम्बित होते हैं।
अध्यक्ष सुभाष कुमार द्वारा मंच के सदस्यों से यूपीसीएल द्वारा मानकों उल्लंघन के फलस्वरूप उपभोक्ताओं को क्षतिपूर्ति विषयक जानकारी चाही गयी, जिस पर मंच के सदस्यों द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान तक गढवाल मण्डल में मंच द्वारा उपभोक्ताओं को कुल चार लाख तैतालिस हजार नवासी रूपये की क्षतिपूर्ति दिये जाने के आदेश पारित किये गये तथा इसी अवधि में कुमायूॅं मण्डल में मंच द्वारा साठ हजार एक सौ नब्बे रूपये की क्षतिपूर्ति भुगतान/समायोजन के आदेश जारी किये गये।
उपरोक्त के अतिरिक्त अध्यक्ष द्वारा उक्त अवधि में मंच के आदेश से असन्तुष्ट उपभोक्ताओं की अपील पर ओम्बड्समैन (विद्युत) द्वारा निर्गत आदेश विषयक रिपोर्ट का अवलोकन भी किया गया तथा अवलोकनोपरान्त ज्ञात हुआ कि ओम्बड्समैन (विद्युत) द्वारा निस्तारित कुल 118 अपीलों में उनके द्वारा पारित 81 आदेश मंच के निर्णयों के अनुरूप ही रहे। मंच के सदस्यों द्वारा अध्यक्ष को अवगत कराया गया कि उक्त तथ्य भी मंचों की कार्यप्रणाली एवं विश्वसनीयता को पुष्ट करते हैं तथा मंच द्वारा शिकायतों के त्वरित निस्तारण से विचाराधीन/लम्बित शिकायतों में प्रतिवर्ष आ रही कमी भी मंचों की उपभोक्ता शिकायतों के त्वरित निस्तारण की प्रतिबद्धता को परिलक्षित करती है।
सुभाष कुमार द्वारा मंच के उपस्थित सदस्यों से विद्युत अधिनियम में निहित उपभोक्ता हितों को सर्वोपरि रखने की मूल भावना के अनुरूप इसी प्रकार आगे भी प्रयास जारी रखने की अपेक्षा की गयी तथा ’उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच’ तक सुदूरवर्ती क्षेत्रों के उपभोक्ताओं की सीधी पहॅँुंच सुनिश्चित किये जाने हेतु प्रारंभ में जिला मुख्यालयों एवं तत्पश्चात विद्युत वितरण खण्ड स्तर पर कैंप लगाकर शिकायतों का निस्तारण किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। उपरोक्त के अतिरिक्त समय-समय पर विद्युत उपभोक्ताओं की जागरूकता हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने के निर्देश भी दिये गये।