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किसान सम्मान निधि के पात्र लाभार्थी 09 सितंबर तक करें भूलेख का डाटा अपलोड: सूर्य प्रताप शाही

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: अवर्षण तथा अल्पवर्षण के कारण प्रदेशभर के किसानों के सम्मुख उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने आज विभागीय तैयारियों और रणनीति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अवर्षण की स्थिति को देखते हुए आगामी सप्ताह में रबी बीजों के मिनीकिट पी०एम० कुसुम योजनान्तर्गत सोलर सिंचाई पम्प तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत सभी बीमित कृषकों को ‘‘मेरा पालिसी मेरा हाथ’’ अभियान के अन्तर्गत बीमा पालिसी वितरण का शुभारम्भ मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा कराया जाना प्रस्तावित है।
श्री शाही ने बताया कि कानपुर नगर के ग्राम पलरा ढोढर विकासखण्ड-बिधनू में दिनांक 09 सितंबर को प्राकृतिक खेती, नमामि गंगे और परंपरागत जैविक खेती करने वाले प्रगतिशील कृषकों का एक दिवसीय कार्यशाला फील्ड भ्रमण तथा कृषि ड्रोन का प्रदर्शन आयोजित किया जाना है। इस कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री दुर्गाशंकर मिश्रा एवं अपर मुख्य सचिव डा० देवेश चतुर्वेदी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी प्रतिभाग करेंगे।
मा० मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी की प्रेरणा से
कृषि विज्ञान केन्द्र को कृषि उत्पादन, उत्पादकता हेतु मॉडल केन्द्र बनाने की दिशा में प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में प्रदेश के समस्त 89 कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों, प्रभारियों के साथ दिनांक 10 से 12 सितम्बर 2022 को तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ में किया जाना प्रस्तावित है। इस कार्यशाला में 01 वर्ष की प्रगति समीक्षा रिपोर्ट सम्बन्धित के०बी०के० प्रस्तुत करेंगे तथा आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इस कार्यशाला में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री संजीव बालियान, केन्द्रीय पशुपालन राज्यमंत्री, महानिदेशक आई०सी०ए०आर० द्वारा भी प्रतिभाग किया जायेगा।
इस कार्यशाला में कृषि ड्रोन का उपयोग उर्वरक, कृषि रक्षा रसायन के प्रयोग का सजीव प्रदर्शन भी किया जाएगा। मौसम सम्बन्धित सूचना व आयलसीड और पल्सेस वर्तमान में जहां फसल नुकसान हुआ है पर परिचर्चा की जायेगी। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन के फसलों पर प्रभाव के अनुसार कलाइमेट रिजेलियन्श पर सभी का सुझाव प्राप्त कर कम अवधि की फसलों, वैकल्पिक फसलों तथा अन्य उपयुक्त तकनीकों के सम्बन्ध में मंथन किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र बस्ती को डिजिटल इनोवेशन के लिए अच्छे के०वी०के० के रूप में आई०सी०ए०आर० द्वारा पुरस्कृत किया गया है। कृषि विज्ञान केन्द्र हैदरगढ़, बाराबंकी को आउटलुक एग्रीटेक समिट एण्ड अवार्ड-2022 हेतु चयनित किया गया है। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर व मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ श्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में आउटलुक ग्रुप द्वारा पुरस्कृत किया गया। इस पुरस्कार निर्धारण हेतु ज्यूरी के रूप में श्री अशोक दलवई सी०ई०ओ० एन०ए०आर०ए० भारत सरकार, पद्म भूषण प्रो० राम बदन सिंह पूर्व अध्यक्ष नेशनल एकेडमी आफ एग्रीकल्चर साइंस, श्री प्रमोद कुमार जोशी पूर्व निदेशक साउथ एशिया अंतराष्ट्रीय फूड पालिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट, श्री संदीप कुमार नायक महानिदेशक राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद एवं श्री दीनानाथ ठाकुर राष्ट्रीय अध्यक्ष सहकार भारती जैसे विशेषज्ञ नामित थे।
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की बारहवीं किश्त शीघ्र ही अवमुक्त होनी है। इसके लिये ई०के०वाई०सी० भू-लेख अंकन स्थलीय सत्यापन और पी०एम० किसान पोर्टल पर उनके डाटा अपलोड की कार्यवाही युद्ध स्तर पर की जा रही है। इसके अंतर्गत भारत सरकार से प्राप्त
कृषकों की संख्या 2.85 करोड़, चिन्हित अपात्र कृषकों की संख्या 0.21 करोड़, कुल वास्तविक कृषकांे की संख्या 2.65 करोड़, सत्यापित कृषकों की संख्या-1.71 करोड़ है। भू-लेख अंकित कृषकों की संख्या 1.62 करोड़, पोर्टल पर अपलोड कृषकों की संख्या 1.51 करोड़ है। ई०के०वाई०सी० से आच्छादित कृषकों की संख्या 1.70 करोड़ है।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश के कुल 96,459 राजस्व ग्रामों में सत्यापन का कार्य किया जाना है जिसमें से 80,005 गांवों में सत्यापन कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष गांवों में सत्यापन कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा। पी०एम० किसान के लाभार्थी कृषकों के सत्यापन में बैंकों के माध्यम से भी उनका पता एवं मोबाइल नंम्बर प्राप्त कर कृषकों से सम्पर्क स्थापित करके भी उनके भू-लेख सत्यापन कर अंकन की कार्यवाही की जा रही है। योजनान्तर्गत भूलेख अंकन सत्यापन एवं पोर्टल पर सभी पात्र किसानों का डेटा अपलोड करने की कार्यवाही दिनांक 09 सितम्बर 2022 तक पूर्ण कर ली जाएगी।
कृषि मंत्री ने किसानों से अपील की है कि प्रदेश के अवशेष लाभार्थी कृषक पी०एम० किसान निधि से सम्बन्धित भू-लेख अंकन सत्यापन एवं पोर्टल से सम्बन्धित समस्त कार्यवाही तहसील/कृषि विभाग के कार्मिकों से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ उठायें।

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