लखनऊ: बाबू बनारसी दास नगर निवासी कल्याण समिति द्वारा उनके पुराना किला स्थित आवास पर पूर्व मुख्यमंत्री व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबू बनारसी दास गुप्ता जी की 34वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उनके चित्र पर बी.बी.डी. ग्रुप की चेयरपर्सन श्रीमती अल्का दास गुप्ता व बी.बी.डी. ग्रुप के अध्यक्ष श्री विराज सागर दास की ओर से बी0बी0डी0 ग्रुप के अधिशाषी निदेशक व बाबूजी के पुत्र श्री आर0के0 अग्रवाल ने माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस अवसर पर बाबू बनारसी दास जी के निजी सचिव श्री धर्म सिंह ने भी बाबूजी को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें याद दिया।
इस मौके पर मौजूद प्रमुख लोगों ने बाबू बनारसी दास जी को याद करते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबू बनारसी दास ने आजादी के आन्दोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्ष 1946 में विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए। वे इतने लोकप्रिय थे कि 1946 में विधानसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए। उन्होने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया तथा समाज के आखिरी व्यक्ति तक शिक्षा को पहुंचाने के लिए अनेकों कार्य किए। उनके इस अभियान को उनके सबसे छोटे पुत्र डाॅ0 अखिलेश दास गुप्ता ने आगे बढ़ाया। आज बीबीडी एजूकेशनल सोसाइटी के तत्वावधान में पूरे भारत और दुनिया तक बीबीडी के विद्यार्थियों की ख्यातिप्राप्त उपलब्धियां डाॅ0 अखिलेश दास गुप्ता और उनके पूज्य पिता स्व0 बाबू बनारसी दास की शिक्षा के प्रति उल्लेखनीय योगदान को बयां कर रही हैं।
इस मौके पर प्रमुख रूप से श्री सुशील दुबे, श्री अरूण गुप्ता, श्री रेहान अहमद खान, श्री राजीव बाजपेयी, श्री चन्द्र प्रकाश गोयल, श्री सुबोध श्रीवास्तव, श्री अचल मेहरोत्रा, श्री श्रवण अग्रवाल, श्री पी.एस. जायसवाल, श्रीमती वन्दना राज अवस्थी, आशा मौर्या, शान बख्शी, प्रिया गुप्ता, उमा गुप्ता, ऊषा बाल्मीकि, चन्द्रा रावत, कमलेश गुप्ता व आशा गुप्ता, श्री अजय श्रीवास्तव, श्री अतीक अंसारी, श्री सर्वेश अवस्थी, श्री नृपेन्द्र सिंह, श्री वसीम खान, श्री रमेश गुप्ता खन्ना, श्री रवि विश्वकर्मा, श्री महेश राठौर, मो0 हसन आब्दी, श्री धीरज गुप्ता, श्री नेहान खान, पूर्व पार्षद नवीन बाबा रस्तोगी पूर्व पार्षद, श्री आर0जे0 भारती ने भी पुष्पांजलि अर्पित कर बाबू जी केा नमन किया।
इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी केा सम्बोधित करते हुए बाबू जी के निजी सचिव रहे धर्म सिंह ने कहा कि 28 फरवरी 1979 को बाबू जी उ0प्र0 के मुख्यमंत्री बने और 18 फरवरी 1980 तक उन्होने प्रदेश की बागडोर संभाली। इस छोटे से कार्यकाल में उन्होने सहकारिता राज्य कर्मचारियों, शिक्षा, कानून व्यवस्था, भाषा व कौमी एकता की अनूठी मिसालें कायम कीं जो आज भी प्रासंगिक है और उन्होने कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास के बजाय अपने पुराना किला स्थित घर में ही रहना पसन्द दिया।