देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास कैन्ट रोड में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान में आयोजित राज्य के विभिन्न जनपदों की महिला स्वयं सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण एवं व्यक्तिगत स्वच्छता हेतु उत्तराखण्ड महिला समेकित विकास योजनान्तर्गत ’शिवालिक दलिया’ इकाई व मुख्यमंत्री कन्या शक्ति सम्मान योजनान्तर्गत ’स्पर्श सैनीटरी नैपकिन’ ईकाई का शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग को इन योजनाओं का शुभारम्भ करने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी योजना है, इसका लाभ महिलाओं को मिलेगा। राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना को राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाए जाने की जरूरत है, इस हेतु प्रयास किया जाए। इस काम के लिए एम्बेसेडर नियुक्त किये जाए जो कि दूर-दराज के दूरस्थ क्षेत्रों तक इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक करेंगे। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि महिलाओं को प्रदर रोग व खून की कमी जैसी गम्भीर समस्यओं से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। सैनेट्री नेपकीन इसमें अच्छा कार्य कर सकता है। महिलाओं में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खून की कमी से जूझ रहे राज्य के मैदानी जनपद हरिद्वार, देहरादनू, ऊधमसिंह नगर सहित पौड़ी में अधिक से अधिक कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूह को इस कार्यक्रम से जोड़कर इसमें तेजी लाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह को इस हेतु सीड मनी दी जाए और बाकी का पैसा बैंको से सस्ते ब्याज ऋण पर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि अगले वित्तीय वर्ष के बजट में इससे सम्मिलित किया जाए। महिला स्वयं सहायता समूह को इससे बेहतर कार्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि जहां-जहां मंडुवा का इस्तेमाल हो रहा है, उन क्षेत्रों में खून की कमी जैसी समस्याएं कम है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने इस अवसर पर दलिया बनाने की मशीन का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को चीज(बीमम्रम) बनाने का प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे कि वे आर्थिक रूप से भी सशक्त बन सकें। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नंदा देवी कन्या धन योजना द्वारा राज्य सरकार बेटियों को प्रोत्साहित कर रही है। राज्य सरकार द्वारा पहली व दूसरी बेटी के पैदा होने पर एफ.डी. दी जा रही है। गरीब परिवारों के लिए यह योजना एक कारगर योजना साबित होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के विकास व सशक्तिकरण के लिए दर्जनों योजनाएं संचालित की जा रही है। लड़की के जन्म से लेकर दादी अम्मा बनने तक महिलाएं किसी न किसी योजना से लाभान्वित हो रही है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं में महिलाओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं को भाग लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य सर्वाधिक प्रकार की पेंशने देने वाला राज्य है। जिसमें दिव्यांग, विधवा, परितयक्ता, वृद्धावस्था आदि पेंशन शामिल है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री रावत ने विभिन्न जनपदों की महिला स्वयं सहायता समूहों के आर्थिक सशक्तिकरण एवं व्यक्तिगत स्वच्छता हेतु उत्तराखण्ड महिला समेकित विकास योजनान्तर्गत ’शिवालिक दलिया’ व मुख्यमंत्री कन्या शक्ति सम्मान योजनान्तर्गत ’स्पर्श सैनीटरी नैपकिन’ वितरित करने के साथ ही नंदा देवी कन्या धन योनान्तर्गत एफ.डी. भी वितरित की। मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा इस अवसर पर नैपकीन वैंडिंग मशीनों आदि का भी अवलोकन किया। उन्होंने सरस्वती जागृति महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा क्रय किये गये वाहन का भी उद्घाटन किया।
इस अवसर पर सचिव भूपिन्दर कौर औलख, अपर सचिव विम्मी सचदेवा, विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूह आदि उपस्थित थे।