लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मत्स्य विकास कैबिनेट मंत्री डा0 संजय कुमार निषाद की अध्यक्षता में मत्स्य विकास के कार्यक्रमों की प्रगति की गहन समीक्षा बैठक आज यहां मत्स्य निदेशालय में आहूत की गयी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत संचालित विभिन्न योजनओं का व्यापक रूप के प्रचार-प्रसार किया जाये ताकि ग्रामीण एवं शहरी वर्गों के लोग मत्स्य पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित हो ताकि अधिक से अधिक रोजगार का सृजन हो।
समीक्षा बैठक में मंत्री जी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए और मछुआ समुदाय की आय को बढ़ाने के लिए निर्धारित 100 दिनों की कार्ययोजना को मूर्त रूप देने में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये। कार्य के प्रति अधिकारियों और कर्मचारियों की जबाबदेही तय की जाये और अपनी जिम्मेदारियों और लक्ष्यों को समय पर पूरा न करने वालों पर कार्यवाही की जायेगी। अधिकारी जनपदों में प्रत्येक स्तर पर योजनाओं का अनुश्रवण सुनिश्चित करें और यह देखे की सभी योजनाओं का लाभ निष्पक्ष एवं पारदर्शी रूप से पात्र लोगो को मिलता रहे। मंत्री जी ने विभागीय समस्याओं से अवगत होते हुये सभी समस्याओं का शीघ्र निराकरण किये जाने का आश्वासन दिया।
समीक्षा बैठक के पश्चात् आयोजित पत्रकार वार्ता में मत्स्य मंत्री डा0 संजय कुमार निषाद ने प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी के द्वारा राष्ट्र को मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने हेतु ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मत्स्य सेक्टर में विकास की असीमित सम्भावनाओं के दृष्टिगत “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के अन्तर्गत “प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना” के माध्यम से मत्स्य सेक्टर के महत्व को पहली बार रेखांकित किया गया है। विभाग का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को मत्स्य उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है ताकि अन्य राज्यों पर मत्स्य बीज, मत्स्य आहार आदि के लिए निर्भर न रहना पड़े। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी के उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प में मत्स्य विभाग की अहम एवं सार्थक भूमिका होगी। उन्होंने बताया कि मत्स्य विभाग में संसाधनों को बढ़ाते हुए तकनीकि और आधुनिकता का समावेश किया जायेगा ताकि मत्स्य विभाग प्रदेश में प्रथम स्थान पर आ सके। उन्होंने बताया कि विभाग में रिक्त पदों का प्रस्ताव शीघ्र भेजा जा रहा है और पदोन्नति की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी, साथ ही विभाग की वर्तमान आवश्यकतओं के अनुरूप विभाग का कैडर रिव्यू भी किया जायेगा।
मत्स्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में सघन मत्स्य पालन के लिए नयी तकनीकों जैसे रीसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम, एकीकृत मत्स्य पालन, बायोफ्लॉक आदि को अपनाने हेतु मत्स्य उद्यमियों को प्रेरित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की 05 वर्षीय कार्य योजना में मत्स्य उत्पादन स्तर को 10.80 लाख मैट्रिक टन तक ले जाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ-साथ अनुपयुक्त जल क्षेत्र जैसे वेटलैंड, खारा पानी जल क्षेत्र, जलाशय व नदियां को मत्स्य विकास कार्यक्रम से अच्छादित करने तथा प्रदेश के मछुआरों व मत्स्य पालकों के जीवन मे आर्थिक सुधार लाते हुए कल्याणकारी योजनाएं संचालित करने की प्राथमिकता दी जा रही है।
डा0 निषाद ने बताया कि प्रदेश में क्लस्टर बेस्ड फिश फार्मिंग करने हेतु मत्स्यकीय विकास के कार्यक्रमों को बढावा दिया जायेगा और मछुआ दुर्घटना बीमा हेतु अधिक से अधिक मत्स्य पालकों एवं मछुआरों को आच्छादित करने के लिए स्थानीय मण्डी स्थलों पर कैम्प लगाये जायेगे। दिनांक 18 अप्रैल, 2022 से आगामी 31 जुलाई, 2022 तक किसान क्रेडिट कार्ड का अभियान प्रारम्भ किया गया है जिससे अधिक से अधिक पात्र लाभार्थियों को जोडा जायेगा। उन्होंने बताया कि ग्राम सभा के सामुदायिक तालाबों का 10 वर्षीय पट्टा कराने के लिए शिविर भी आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार के 100 दिनों के लक्ष्यों की पूर्ति हेतु रिवर रैचिंग कार्यक्रम को प्राथमिकता के आधार पर प्रारम्भ किया गया है।
बैठक में मत्स्य विभाग के विशेष सचिव एवं निदेशक डा0 सरोज कुमार ने विभाग के कार्यों, दायित्व और आगामी कार्ययोजनाओं के बारे में विस्तार से मंत्री जी को अवगत कराया और प्राप्त निर्देशों का यथाशीघ्र अनुपालन किये जाने को आश्वस्त किया। बैठक में उपनिदेशक डा0 हरेन्द्र, संयुक्त निदेशक राजेन्द्र सिहं, उपनिदेशक नियोजन श्रीमती मोनीषा सिंह उपनिदेशक अंजना वर्मा, वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी पूजा रमन तथा सहायक निदेशक, मत्स्य उपनिदेशक, मत्स्य मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक विकास अभिकरण में अधिकारी तथा मत्स्य निरीक्षक अधिकारी उपस्थित थे।